संवाददाता मथुरा।
सुबह से ही गोकुल जाने वाले वाहन श्रद्धालुओं से भरे रहे। हर किसी को योगीराज श्रीकृष्ण के गांव गोकुल के मंदिरों के दर्शन करने थे। श्रद्धालु गोपालजी के डोला और छड़ीमार होली से पहले मंदिरों में पहुंचने लगे। राजा ठाकुर, गोकुलनाथ जी, योगमाया मंदिर आदि में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा। मंदिर में ठाकुरजी के जयकारों से गूंज उठे। हर कोई गोकुल आकर अपने को धन्य समझ रहा था। कृष्ण की भक्ति में श्रद्धालु सराबोर हो गए। गोकुल की रज भी श्रद्धालु अपने साथ ले गए। वह इस रज को भगवान कृष्ण का प्रसाद समझ रहे थे। भगवान कृष्ण ने अपना बचपन गोकुल में ही बिताया था। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भी श्रद्धालुओं की अच्छी खासी-भीड़ थी। बरसाना,नंदगांव, जन्मस्थान की होली का आनंद लेने के बाद श्रद्धालुओं ने अपना रूख गोकुल की ओर कर दिया। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा था। मंदिरों में दर्शन कर भगवान से ईच्छापूर्ति की दुआ मांग रहे थे।