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3 डी लैप्रोस्कोपी ने किया सर्जरी को और आसान

बैरियाट्रिक सर्जरी से केवल मोटापे से ही छुटकारा नहीं मिलता है। बल्कि मरीज को ब्लड-प्रेशर, डायबिटीज, आर्थराइट्सि की बीमारी से भी निजात मिल जाती...

3 डी लैप्रोस्कोपी ने किया सर्जरी को और आसान
Sun, 04 Mar 2012 10:17 PM
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बैरियाट्रिक सर्जरी  से केवल मोटापे से ही छुटकारा नहीं मिलता है। बल्कि मरीज को ब्लड-प्रेशर, डायबिटीज, आर्थराइट्सि की बीमारी से भी निजात मिल जाती है। यह कहना है अहमदाबाद के बैरियाट्रिक सजर्न डॉ. एम. नरवारिया का। उनके अनुसार मोटापे से जूझ रहे 100 लोगों में से 20 को डायबिटिज की समस्या होती है। जबकि जितने लोग डायबिटीज का शिकार होते हैं। उनमें से 80 लोग पेट के मोटापे से ग्रस्त होते हैं। डॉ. कहते हैं कि बैरियाट्रिक सजर्री के जरिए केवल मोटापा ही दूर नहीं होता। बल्कि मरीजों को कई अन्य बीमारियों से भी मुक्ति मिल जाती है।

साइबर सिटी में आयोजित 3 डी लैप्रोस्कोपी सम्मेलन के आयोजक सचिव डॉ. एम. नरवारिया बताते हैं कि बैरियाट्रिक सर्जरी मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। अधिक वजन के कारण व्यक्ति शूगर, जोड़ों में दर्द, उच्च रक्तचाप, बैठे- बैठे नींद आना सहित कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाता है। ऐसे में जब बैरियाट्रिक सर्जरी करके मरीज का वजन जरूरत के मुताबिक कई किलो कम कर दिया जाता है तो मरीज को इन सभी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। उनके अनुसार 25-40 वर्ष की आयु वर्ग में मोटापे की समस्या बढ़ती जा रही है। सिंगल चाइल्ड कंसेप्ट, आउटडोर एक्टिविटीज कम होने के कारण बच्चे भी मोटापे की चपेट में आ रहे हैं। आमतौर पर बैरियाट्रिक सजर्री 18 साल के बाद ही की जाती है। लेकिन हाल ही में उन्हें दस साल के 127 किलो के एक बच्चाे की सजर्री करनी पड़ी। क्योंकि मोटापे के कारण बच्चे को सांस लेने के लिए मशीन लगानी पड़ गई थी। बच्चाों की सजर्री इमरजेंसी में की जाती है। 
 
3 डी लैप्रोस्कोपी ने किया आसान
डॉ. नरवारिया कहते हैं कि 3 डी लैप्रोस्कोपी ने बैरियाट्रिक सर्जरी की गुणवत्ता कई गुना बढ़ा दी है। इसके जरिए एक-एक ऑर्गन, खून की नलियों को आसानी से देखा जा सकता है। इस तकनीक से सजर्री करने पर ऐसा लगता है कि मरीज के पेट के अंदर से ही सजर्री की जा रही है। उन्होंने कहा कि 3डी लैप्रोस्कोपी कैमरा की मदद से सभी तीनों दृष्टिकोणों से सटीक जांच करना संभव हो सकेगा।

रविवार को हुई पांच लाईव सर्जरी
3 डी लैपकॉन के दूसरे दिन पांच सजर्री लाईव की गई। इससे पहले शनिवार को चार मरीजों की लाईव सर्जरी की गई थी। इस दौरान मरीजों की बैरियाट्रिक, स्कारलेस और अन्य सर्जरी की गई।

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