राज्य की नॉलेज सिटी में पार्टनर बनेगा टाटा समूह
रांची ’ विशेष संवाददाता। झारखंड सरकार चाहती है कि नॉलेज सिटी का तीसरा पार्टनर टाटा समूह बने। पहला पार्टनर केंद्र सरकार और दूसरा पार्टनर राज्य सरकार है। रतन टाटा और साइरस मिस्त्री की मुख्यमंत्री...
रांची ’ विशेष संवाददाता। झारखंड सरकार चाहती है कि नॉलेज सिटी का तीसरा पार्टनर टाटा समूह बने। पहला पार्टनर केंद्र सरकार और दूसरा पार्टनर राज्य सरकार है। रतन टाटा और साइरस मिस्त्री की मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के साथ हुई मुलाकात में नॉलेज सिटी का मामला उठा। मुख्यमंत्री ने कहा कि खूंटी में नॉलेज सिटी प्रस्तावित है।
500 एकड़ भूमि में यह बननी है। वह चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार के अलावा तीसरा पार्टनर टाटा समूह हो। रतन टाटा ने कहा कि वह नॉलेज सिटी का पार्टनर बनने के लिए तैयार हैं। सरकार उन्हें प्रस्ताव उपलब्ध करा दे। टाटा समूह हरसंभव मदद करेगा।
मौके पर ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एसके चौधरी को टाटा समूह को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। खूंटी में नॉलेज सिटी है प्रस्तावितनॉलेज सिटी खूंटी में प्रस्तावित है। 410 एकड़ भूमि पर इसे बनना है। नॉलेज सिटी में कई तकनीकी संस्थान खोलने की योजना है।
इसी परिसर में ट्रिपल आइआइटी भी खोला जाना है। 410 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होना बाकी है। हाल ही में कैबिनेट ने भूमि अधिग्रहण के लिए 146 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। भूमि का अधिग्रहण रैयतों से करना है। जेआरडीए को नॉलेज सिटी बनाने का नोडल एजेंसी बनाया गया है।
विज्ञान-प्रावैद्यिकी से जुड़े कई संस्थान नॉलेज सिटी परिसर में होंगे। मुख्यमंत्री खुद नॉलेज सिटी प्रोजेक्ट में दिलचस्पी ले रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने खूंटी जाकर नॉलेज सिटी का जायजा लिया था।सादगी से आए टाटाउद्योगपति रतन टाटा के आगमन पर उनके स्वागत के लिए कोई खास तामझाम नहीं किया गया था।
बस केवल कंपनी के चुनिंदा अधिकारी ही अपने सुप्रीमो को रिसीव करने के लिए आए थे। सुबह के 9.15 बजे अपने निजी विमान से लैंड करने के बाद रतन टाटा अपने उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री के साथ इत्मीनान से टर्मिनल भवन की ओर चल दिए।
टर्मिनल भवन में उन्हें लेने के लिए दर्जन भर से भी कम अधिकारी एयरपोर्ट आए थे। इनमें से कुछ जमशेदपुर से आए थे। करीब 9.25 बजे वह टर्मिनल भवन से बाहर निकले और बिना शोर-शराबे के बाहर निकले। इसके लिए अधिकारियों में कोई अफरा-तफरी नहीं दिखी।
इस क्रम में फेडरेशन ऑफ चैंबर के अध्यक्ष सज्जन सर्राफ और अन्य अधिकारियों से भी मिले और फिर अपने वाहन में बैठकर सीएम आवास की ओर निकल गए। सीएम से मुलाकात करने के बाद वह 12 बजे निजी विमान से जमशेदपुर के लिए चल दिए।
एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने के लिए टाटा स्टील के वाइस चेयरमैन वी मुत्थुरमण, एमडी एचएम नेरूरकर, वाइस प्रेसीडेंट संजीव पॉल समेत कंपनी के कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा और टाटा संस के उपाध्यक्ष साइरस मिस्त्री ने मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को मुंबई आने का न्योता दिया।
टाटा ने कहा कि अगर सीएम मुंबई आएंगे, तो राज्य के विकास पर कई बातें भी होंगी। मुख्यमंत्री ने उन्हें जल्द मुंबई आकर मुलाकात करने का भरोसा दिया। टाटा घराना राज्य के विकास के लिए कई कदम उठाएगा।
राज्य सरकार को भी सहयोग करेगा। मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इसके पहले रतन टाटा और साइरस मिस्त्री का गर्मजोशी से स्वागत किया था। पूरा सीएम हाउस इन दोनों के पहुंचने के इंतजार में था। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री और रतन टाटा एक साथ सोफा पर बैठे थे।
भू राजस्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो और साइरस मिस्त्री साथ बैठे थे। नाश्ते की तैयारियों की देखरेख खुद मुख्यमंत्री की पत्नी मीरा मुंडा कर रही थीं। जब फोटो खींचवाने की बात आई तो मुख्यमंत्री, रतन टाटा और साइरस मिस्त्री साथ खड़े थे।
पीछे टाटा स्टील के उपाध्यक्ष बी मुत्थुरमण, टाटा स्टील के एमडी एचएम नेरूरकर और मीरा मुंडा खड़ी थीं। नाश्ता खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने मथुरा महतो से दोनों टाटा से मुलाकात कराई।