जुर्माने की राशि बढ़ने से हो सकता है घूसखोरी में इजाफा
शराब पीकर गाड़ी चलाने या ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल पर बात करने वालों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने जुर्माने की राशि में भारी भरकम बढ़ोत्तरी की...
शराब पीकर गाड़ी चलाने या ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल पर बात करने वालों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने जुर्माने की राशि में भारी भरकम बढ़ोत्तरी की है लेकिन विशेषज्ञों ने इससे घूसखोरी बढ़ने की आशंका जतायी है। भ्रष्टाचार पर रिपोर्ट तैयार करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि अगर इस प्रावधान के क्रियान्वयन की निगरानी की समुचित व्यवस्था नहीं हुई तो इससे घूसखोरी और बढ़ सकती है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की भारत में अधिकारी अनुपमा झा ने हिन्दुस्तान से कहा कि ग्लोबल बैरोमीटर ऑफ करप्शन 2010 के मुताबिक दुनियाभर में आम लोगों की नजर में पुलिस महकमा सर्वाधिक भ्रष्ट विभाग है। करीब एक तिहाई लोग मानते हैं कि पुलिस में घूसखोरी चलती है। इसे देखते हुए नयी व्यवस्था के दुरूपयोग होने की पूरी संभावना है।
उन्होंने कहा कि नागरिकों को यातायात के निमयों का पालन करना चाहिए। इससे दो फायदे होंगे। एक तो रोड सेफ्टी सुनिश्चित होगी दूसरे खूसखोरी की संभावना पूरी तरह खत्म हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि सिर्फ जुर्माने की राशि बढ़ाने से काम नहीं चलेगा। नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे कानून का ठीक से पालन करें तथा सरकार कानून के क्रियान्वयन की पूरी तरह निगरानी करे।
गौरतलब है कि सरकार ने ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल से बात करने पर 5000 रूपये जुर्माना लगाने का फैसला किया है। इसी तरह शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अधिकतम 10000 रूपये फाइन लगाने का निर्णय किया है।