न्यायालय ने दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव कराने की मंजूरी दी
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) को चुनाव कराने की अनुमति देते हुए जल्द नई तिथि निर्धारित करने का निर्देश...
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) को चुनाव कराने की अनुमति देते हुए जल्द नई तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी एवं न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका स्वीकार की। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार पर अगले महीने होने वाले डीएसजीएमसी चुनावों के लिए अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी थी।
एकल पीठ के सात फरवरी को आए फैसले में राज्य सरकार को डीएसजीएमसी चुनावों के लिए मतदाता सूचियों को मतदाताओं के फोटो सहित एक महीने के अंदर तैयार करने के लिए कहा था।
गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय (डीजीई) ने भी न्यायमूर्ति विपिन सांघी के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें एक महीने के अंदर 46 वार्डों का परिसीमन पूरा करने के लिए कहा गया था।
राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि निदेशालय द्वारा चुनाव की तारीख घोषित करने के बाद एकल पीठ को ऐसे आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। परिसीमन के विषय में सरकार ने कहा कि एक महीने के अंदर यह करना असम्भव है।
एकल पीठ के आदेश को खारिज करते हुए खंडपीठ ने कहा, ''परिसीमन/नई मतदाता सूची की तैयारी यदि आवश्यक है तो यह चुनावों के तुरंत बाद शुरू की जाएगी।''
एकल पीठ का आदेश हरमोहन सिंह की याचिका पर आया था। याचिका में कहा गया था कि डीजीई ने चुनावों की तिथि तो घोषित कर दी लेकिन अधिसूचना नहीं जारी की। हरमोहन सिंह ने कहा, ''डीएसजीएमसी चुनाव अपूर्ण मतदाता सूचियों एवं वार्डो के बिना परिसीमन के होने पर सही प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाएगा।''