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टीम के साथ लंबी पारी खेलने को तैयार दिलीप टिर्की

भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले दिलीप टिर्की ने ओलंपिक क्वालीफायर की तैयारी के लिए ढाई साल बाद फिर स्टिक थामी है अब इस नई भूमिका में लंबी पारी खेलने को तैयार...

टीम के साथ लंबी पारी खेलने को तैयार दिलीप टिर्की
Fri, 10 Feb 2012 04:43 PM
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भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले दिलीप टिर्की ने ओलंपिक क्वालीफायर की तैयारी के लिए ढाई साल बाद फिर स्टिक थामी है लेकिन इस बार बतौर कोच और यह अनुभवी डिफेंडर अब इस नई भूमिका में लंबी पारी खेलने को तैयार है।
     
पिछले कुछ अर्से में लगातार आलोचना झेल रहे भारतीय डिफेंस को चुस्त दुरूस्त करने की कवायद में मुख्य कोच माइकल नोब्स ने यहां मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर चल रहे शिविर में टिर्की की सेवायें ली है। राष्ट्रीय चयन समिति में सरकारी पर्यवेक्षक टिर्की ने साइ की अनुमति मिलने के बाद दस दिन पहले ही यह जिम्मा संभाला।
    
टिर्की ने यहां अभ्यास सत्र के दौरान बताया कि जून 2009 के बाद पहली बार मैं मैदान पर उतरा हूं और बहुत अच्छा लग रहा है। मैदान पर खिलाड़ियों के साथ वह कमी पूरी हो गई लगती है जो मैं ढाई साल से महसूस कर रहा था। पैर की चोट के कारण हॉकी को अलविदा कह चुके पूर्व कप्तान ने हालांकि कहा कि कोचिंग की उनकी भूमिका एकदम अलग है और उन्हें इसमें मजा आ रहा है।
     
उड़ीसा के इस खिलाड़ी ने कहा कि पहले मैं अपने खेल पर ध्यान देता था लेकिन अब अपना अनुभव खिलाड़ियों के साथ बांट रहा हूं। मजा आ रहा है और खिलाड़ी भी इसमें रूचि ले रहे हैं। यह पूछने पर कि यह भूमिका ओलंपिक क्वालीफायर तक ही रहेगी या आगे भी, उन्होंने कहा, मैं लंबी पारी खेलने को तैयार हूं। मैं चाहता हूं कि यह अनुभव युवा खिलाड़ियों के साथ बांटू।

भारतीय डिफेंस की कमजोरियों पर मेहनत कर रहे टिर्की ने कहा कि शारीरिक के साथ मानसिक तौर पर भी तैयारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैं खेलने के दिनों में योग करके और मौन रहकर मानसिक रूप से खुद को मजबूत बनाने की कोशिश करता था। भारत के ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बाद इस पहलू पर मेहनत करनी होगी। मुझे लगता है कि टीम के साथ एक खेल मनोवैज्ञानिक होना जरूरी है।
     
डिफेंस की कमजोरियों को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि मैन टू मैन मॉर्किंग, टैकलिंग बेहतर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत के पास फिट और प्रतिभाशाली डिफेंडर हैं लेकिन अंतिम क्षणों में गोल, पेनल्टी कॉर्नर गंवाने जैसी कमजोरियां देखने को मिली है। इसके लिए मैन टू मैन मॉर्किंग और टैकलिंग बेहतर करनी होगी। गलत पोजिशनिंग से बचना होगा और जब जरूरी ना हो गेंद पर स्टिक अड़ाने से बाज आना होगा।
    
उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि उनके जाने के बाद डिफेंस में निर्वात आ गया है जिसे भर पाना नामुमकिन है। टिर्की ने कहा कि भारत के पास संदीप सिंह, रघुनाथ और रूपिंदर पाल जैसे प्रतिभाशाली डिफेंडर हैं। इग्नेस जैसा अपार अनुभवी खिलाड़ी भी डीप डिफेंस में खेलेगा जिससे संयोजन बेहतर होगा। मुझे नहीं लगता कि कोई कमी है।

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