द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी हुई थी बगावत
एक ऑस्ट्रेलियाई शिक्षाविद ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नस्लीय र्दुव्यवहार को लेकर अफ्रीकी और अमेरिकी सैनिकों द्वारा की गई बगावत के सबूतों को खोज निकाला...
एक ऑस्ट्रेलियाई शिक्षाविद ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नस्लीय र्दुव्यवहार को लेकर अफ्रीकी और अमेरिकी सैनिकों द्वारा की गई बगावत के सबूतों को खोज निकाला है। जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के इतिहासकार रे होलीयोक इस बात की खोज में जुटे थे कि 1942 में अमेरिकी सांसद लिंडोन बी जॉनसन ने तीन दिन तक उत्तरी क्वींसलैंड के टाउंसविले का क्यों दौरा किया था।
होलीयोक ने एबीसी रेडियो को बताया कि 70 साल तक टाउंसविले में अफवाहें थी कि अफ्रीकी-अमेरिकी सैनिकों ने बगावत की थी। उन्होंने बताया कि पिछले साल मुझे इस बात के पहले दस्तावेजी सबूत मिले कि यह बगावत 1942 में हुई थी। 1942 से 1945 के बीच क्वींसलैंड अमेरिका का एक महत्वपूर्ण अड्डा था जहां एयरफील्ड, कैंप, फैक्ट्री और चिकित्सा सुविधाएं केंद्रित थीं।
होलीयोक ने बताया कि उस काल के दस्तावेजों से पता चलता है कि 600 अफ्रीकी अमेरिकी सैनिकों को 1942 में टाउंसविले एक एयरफील्ड का निर्माण करने के लिए भेजा गया था लेकिन इसकी परिणति यह हुई कि इन सैनिकों ने अपने श्वेत अधिकारियों पर ही बंदूकें तान दीं।