अगले पांच साल में भारत में होगें 1,000 नये विमान
देश की अधिसूचित और गैर अधिसूचित एयरलाइंस कंपनियां अगले पांच साल में अपने बेड़े में करीब 1,000 विमान और 250 हेलीकॉप्टर जोड़ सकती है। इसमें सरकारी कपंनी एयर इंडिया के अनुमान शामिल नहीं...
देश की अधिसूचित और गैर अधिसूचित एयरलाइंस कंपनियां अगले पांच साल में अपने बेड़े में करीब 1,000 विमान और 250 हेलीकॉप्टर जोड़ सकती है। इसमें सरकारी कपंनी एयर इंडिया के अनुमान शामिल नहीं है।
अधिसूचित एयरलाइनें नियमित उड़ानों का परिचालन करती है जबकि गैर अधिसूचित विमानन कंपनियां नियमित व्यावसायकि यात्री उड़ानों का परिचालन नहीं करती। योजना आयोग के अनुमानों के मुताबिक अधिसूचित विमानन कंपनियां बढ़ती मांग के मद्देनजर इस अवधि में करीब 370 विमान और गैर अधिसूचित एयरलाइन कंपनियां 600 छोटे बड़े विमान और 250 हेलीकॉप्टर जोड़ेंगी।
नागर विमान क्षेत्र की 12वीं योजना तैयार करने के लिए आयोग द्वारा गठित कार्यसमूह ने कहा कि भारतीय अधिसूचित विमानन कंपनियों द्वारा हवाई यातायात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है जिससे वे करीब 1,50,000 करोड़ रुपये की लागत से 370 विमान जोड़ सकती हैं।
केपीएमजी रपट के हवाले से आयोग की समिति ने कहा कि जेट एयरवेज के 2017 तक अपने बेड़े में 79 नए विमान जोड़ने की उम्मीद है जबकि इंडिगो 69, स्पाइस जेट 68, एयर इंडिया 40, गोएयर 22 और जेटलाइट 20 नए विमान खरीदेंगी। इन 376 विमानों की अनुमानित लागत 1,47,600 करोड़ रुपये होगी।
कार्य समूह को अनुमान है कि 2017 तक आम तौर पर विमानन में करीब 20,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा जिससे निजी गैर अधिसूचित एयरलाइनें 600 छोटे बड़े विमान और करीब 250 हेलीकॉप्टर जोडेंगी।
कार्यसमूह का अनुमान है कि भारतीय विमानन उद्योग को 2011-12 में 20 अरब डॉलर के ऋण का बोझ उठाना होगा। कार्यसमूह ने नकदी के संकट से जूझ रहे इस क्षेत्र में उल्लेखनीय और लगातार निवेश का सुझाव दिया है।
समिति ने इस क्षेत्र के लिए 2012-17 की योजनावधि में 54,743 करोड़ रुपये की योजनागत परिव्यय की व्यवस्था का प्रस्ताव किया है। जिसमें एयर इंडिया के लिए 32,963.67 करोड़ रुपये और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकार के लिए 17,500 रुपये का प्रस्ताव है।