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नायर के आरोपों पर इसरो ने साधी चुप्पी

इसरो ने अपने चार पूर्व वैज्ञानिकों पर किसी भी सरकारी सेवा से जुड़ने पर प्रतिबंध लगाने के बाद अंतरिक्ष विभाग के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर के गम्भीर आरोपों पर टिप्पणी करने से इंकार कर...

नायर के आरोपों पर इसरो ने साधी चुप्पी
Wed, 25 Jan 2012 10:18 PM
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने चार पूर्व वैज्ञानिकों पर किसी भी सरकारी सेवा से जुड़ने पर प्रतिबंध लगाने के बाद अंतरिक्ष विभाग के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर के गम्भीर आरोपों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। अंतरिक्ष विभाग ने कहा कि वह उचित समय पर प्रतिक्रिया देगा।

इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''हम अभी कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। हम उचित समय पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे। यह प्रतिक्रिया उन लोगों ने दी है जिनके खिलाफ 13 जनवरी को आदेश पारित हुआ।'' 

अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, ''नायर की टिप्पणी गम्भीर ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। हम टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि हम देवास सौदे के बारे में परिचित नहीं हैं। इस सौदे को एंट्रिक्स ने किया था। नायर की टिप्पणी से संगठन पर क्या प्रभाव पड़ता है इसे हमें इंतजार करना और देखना होगा।''

एक अन्य वैज्ञानिक ने कहा, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है। काली सूची में डाला जाना सम्बंधित व्यक्तियों की गरिमा से मेल नहीं खाता।''

ज्ञात हो कि अंतरिक्ष विभाग ने 13 जनवरी के एक आदेश में नायर और तीन अन्य वैज्ञानिकों को, एंट्रिक्स कॉर्प और देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए समझौते को लेकर, कोई भी सरकारी पद सम्भालने से प्रतिबंधित कर दिया है।

प्रतिबंधित अन्य तीन वैज्ञानिकों में इसरो में पूर्व वैज्ञानिक सचिव के. भास्करनारायण, इसरो की व्यावसायिक शाखा एंट्रिक्स के पूर्व प्रबंध निदेशक के.आर. श्रीधर मूर्ति, और इसरो उपग्रह केंद्र के पूर्व निदेशक के.एन. शंकरा शामिल हैं।

नाराज नायर ने कहा कि वह मौजूदा सरकार के अधीन किसी भी संगठन में काम करने को उत्सुक नहीं हैं और उन्होंने भविष्य में सरकार में या सरकारी समितियों में किसी पद से प्रतिबंधित किए जाने को पूरी तरह अन्यायपूर्ण बताया।

आदेश का जिक्र करते हुए नायर ने आईएएनएस से कहा, ''किसी तानाशाही/सैन्य शासन में भी काली सूची में डाले जाने वाले व्यक्ति को एक मौका दिया गया होता। लेकिन मुझे कोई मौका नहीं दिया गया। मैं इस आदेश पर क्षुब्ध हूं, जो मुझे अभी भेज नहीं गया है।''

नायर ने कहा, ''मैंने अभी आदेश देखा नहीं है। आदेश प्राप्त होने के बाद उचित कार्रवाई के बारे में निर्णय लेंगे।''

ज्ञात हो कि भारत सरकार ने नायर को 1998 में पद्मभूषण और 2००9 पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित किया था। उन्होंने कहा कि यह उनकी छवि धूमिल करने की एक कोशिश है।

नायर ने इसरो के मौजूदा अध्यक्ष के. राधाकृष्णन पर अयोग्यता और निजी एजेंडे के तहत काम करने का भी आरोप लगाया।

 

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