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आर्थिक वृद्धि को लेकर ये हैं RBI की 7 चिंतायें

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में घरेलू अर्थव्यवस्था की वृद्धि की राह में सात मुख्य जोखिम गिनाए हैं जिनमें यूरो क्षेत्र के ऋण संकट और कर्ज देने के जोखिम से बचने में बैंकों का रुख भी शामिल...

आर्थिक वृद्धि को लेकर ये हैं RBI की 7 चिंतायें
Tue, 24 Jan 2012 02:47 PM
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रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में घरेलू अर्थव्यवस्था की वृद्धि की राह में सात मुख्य जोखिम गिनाए हैं जिनमें यूरो क्षेत्र के ऋण संकट, विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और कर्ज देने के जोखिम से बचने में बैंकों का रुख भी शामिल है।    

रिजर्व बैंक की मंगलवार को जारी ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक वृद्धि के आड़े आने वाली सबसे बड़ी चिंता यूरो क्षेत्र के ऋण संकट को बताया गया है। कहा है कि इससे पूरा आर्थिक परिदृश्य प्रभावित हो सकता है।
  
दूसरी चिंता देश में पूंजी प्रवाह में आई सुस्ती को लेकर है। चालू खाते में बढ़ते घाटे के मद्देनजर इससे जोखिम बढेगा। विश्व बाजार में कच्चे तेल के उंचे दाम पर भी बैंक ने चिंता जताई है। बैंक ने कहा है मौजूदा वैश्विक स्थिति को देखते हुये ईंधन के ऊंचे दाम का आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति पर असर पड़ेगा।
  
चौथी चिंता बैंकों द्वारा बढ़ते जोखिम के बीच कर्ज देने में अत्यधिक सावधानी बरते जाने को बताया है। इससे अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह पर बुरा असर पड़ सकता है। पांचवां ढांचागत असंतुलन की वजह से प्रोटीन आधारित वस्तुयें लगातार महंगी बनी हुई है। मांग की तुलना में समय पर उचित आपूर्ति नहीं होने के कारण खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम लगातार बना रहेगा।
  
छठा जोखिम ईंधन, उर्वरक सहित कई वस्तुओं की दबी कीमतों का है। इनके दाम सरकारी नियंत्रण में हैं और बाजार कीमत को नहीं दर्शाते हैं। भविष्य में यदि इनके दाम बढ़ाये जाते हैं तो महंगाई बढ सकती है।
  
सातवां जोखिम सरकार के राजकोषीय घाटे को लेकर है। उंचे राजकोषीय घाटे की भरपाई से निजी क्षेत्र के लिये धन की तंगी हो सकती है। उंचा राजकोषीय घाटा भी महंगाई बढ़ा सकता है।

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