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प्री स्कूल को मुख्य स्कूल का हिस्सा बनाए जाने का विरोध

प्री-स्कूल को मुख्य स्कूल का हिस्सा बनाए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए गैर सरकारी संगठन ने सोमवार को हाईकोर्ट से बच्चों के हितों को ध्यान में रखने की गुहार लगाई...

प्री स्कूल को मुख्य स्कूल का हिस्सा बनाए जाने का विरोध
Tue, 10 Jan 2012 02:27 PM
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प्री-स्कूल को मुख्य स्कूल का हिस्सा बनाए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए गैर सरकारी संगठन ने सोमवार को हाईकोर्ट से बच्चों के हितों को ध्यान में रखने की गुहार लगाई है। संगठन की ओर से कहा गया कि न्यायिक प्रक्रिया हो या सरकारी प्रावधान, इसमें बच्चों के हितों को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। 

संगठन की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने इसके लिए नेशनल चार्टर फॉर चिल्ड्रेन 2003 का हवाला दिया। चिल्ड्रेन चार्टर संसद ने यह प्रावधान किया था कि चाहे शिक्षा का मामला हो या इलाज, मौलिक अधिकार हमेशा बच्चों के हितों को किसी भी प्रक्रिया में सबसे ऊपर रखा जाएगा। अधिवक्ता अग्रवाल ने इस चार्टर का हवाला देते हुए कहा कि प्री-स्कूल में तीन साल में दाखिला का प्रावधान किया गया है, ऐसे में इसे मुख्य स्कूल का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए.के सीकरी व न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ के समक्ष अग्रवाल ने यह भी कहा कि शिक्षा अधिकार अधिनियम में प्री-प्राइमरी शिक्षा के बारे में कोई प्रावधान नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली एजुकेशन एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को प्री-प्राइमरी स्कूल को भी नियंत्रित करने का अधिकार है। उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट ने काफी मेहनत के बाद वर्ष 2007 में प्री-प्राइमरी में दाखिले को लेकर दिशा-निर्देश तय किया था, ऐसे में यदि प्री-स्कूल को मान्यता देकर इसे मुख्य स्कूल में दाखिले के लिए एंट्री लेवल तय किया जाता है तो पहले के सारे मेहनत बेकार हो जाएंगे। अधिवक्ता अग्रवाल ने कहा कि प्री-स्कूल चलाने के पीछे स्कूलों को अपना व्यवसायिक हित नजर आ रहा है, ऐसे में प्री- प्राइमरी सिर्फ एक साल की होनी चाहिए। मसले पर मंगलवार को दिल्ली सरकार अपना पक्ष रखेगी।

गुहार
हाईकोर्ट से बच्चों के हितों को ध्यान में रखने की अपील की
नेशनल चार्टर फॉर चिल्ड्रेन 2003 का दिया गया हवाला

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