लोकपाल विधेयक से भाजपा निराश, लालू भड़के
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने के प्रावधान को 'असंवैधानिक' बताते हुए गुरुवार को सरकार से लोकपाल विधेयक को वापस लेने और इसमें संशोधन के बाद संसद में लाने की मांग...
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने के प्रावधान को 'असंवैधानिक' बताते हुए गुरुवार को सरकार से लोकपाल विधेयक को वापस लेने और इसमें संशोधन के बाद संसद में लाने की मांग की।
सरकार द्वारा लोकपाल विधेयक सदन पटल पर रखे जाने के बाद लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, ''हम निराश हैं। यह असंवैधानिक है। सर्वोच्च न्यायालय दर्जनों बार स्थापना दे चुका है कि 5० प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं होना चाहिए।''
भाजपा नेता ने कहा, ''इसे वापस लिया जाए और संविधान सम्मत नया विधेयक लाया जाए तब हम उसे पारित कर देंगे।''
वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी विधेयक का विरोध किया और कहा कि इसमें मजबूत लोकपाल के आधार का जिक्र नहीं है, इसलिए इस पर विचार किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने हालांकि विधेयक का विरोध किया लेकिन अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने का प्रावधान रखने के लिए सरकार की सराहना की तथा इसका विरोध करने के लिए भाजपा की आलोचना की।
उन्होंने साामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनकी टीम के आंदोलन से घबराकर विधेयक के साथ जल्दबाजी करने के लिए सरकार की आलोचना की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के आवास पर प्रदर्शन करने की अन्ना हजारे की चेतावनी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ''यह क्या होने जा रहा है?''
लालू प्रसाद ने कहा, ''हम विधेयक पर फैसला लेने के लिए संसद में हैं। हमें आंदोलन से घबराकर कोई गलत कदम नहीं उठाना है। हमें जो अधिकार मिला है, वह हम करेंगे। हम लोकपाल विधेयक चाहते हैं, लेकिन वह मजबूत होना चाहिए। यह विधेयक मजबूत नहीं है।''