रंगों की दुनिया में आओ
रंगों का हमारे शरीर और मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। फ्रांस के भौतिकशास्त्री डॉ. वुर्डफ ने एक अति संवेदनशील कैमरा बनाया और उस कैमरे से मस्तिष्क के बाहरी भाग पर विचारों के उभरने वाले चित्र...
रंगों का हमारे शरीर और मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। फ्रांस के भौतिकशास्त्री डॉ. वुर्डफ ने एक अति संवेदनशील कैमरा बनाया और उस कैमरे से मस्तिष्क के बाहरी भाग पर विचारों के उभरने वाले चित्र खींचे। इन चित्रों से उन्होंने यह दिखाया कि हमारे विचारों के भी निश्चित आकार और रंग होते हैं। उनके इन चित्रों के आधार पर यह निष्कर्ष निकला कि जिस व्यक्ति में चिंतन की गहराई और संकल्प की प्रबलता जितनी अधिक होती है, उसके विचारों का चित्र उतना ही अधिक गहरा और स्पष्ट होता है। रंगों की गहनता और अधिकता व्यक्ति के शरीर व मन, दोनों को प्रभावित करती है। सुनहरे रंग की परिकल्पना को मन में संजोए हुए व्यक्ति शिखर तक पहुंचने में विश्वास करते हैं।
रंगों ने इस दुनिया को खूबसूरत बनाया है। रंगों की पसंद, नापसंद व्यक्ति की दिनचर्या के साथ-साथ उसके जीवन तक का खाका खींचकर रख देती है। प्रकृति के दिए ये नायाब रंग व्यक्ति के शरीर व मन के लिए बेहद जरूरी हैं। इन्हें सामान्य समझकर आगे बढ़ते रहना जिंदगी में बहुत कुछ खो देना है। रंगों की समझ और गहनता हमें ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। हर कदम पर रंग हमें नवीनता प्रदान करते हैं।
‘प्रिंसिपल ऑफ लाइट ऐंड कलर’ पुस्तक के ‘प्रकाश और रंग’ के सिद्धांत में यह बताया गया है कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में भी अब रोगों के निदान के लिए रंगों का आश्रय लिया जाने लगा है। कलर टेस्ट और कलर डॉपलर आदि इस चिकित्सा पद्धति के महत्व को उजागर करते हैं। हम सभी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल करने को व्याकुल रहते हैं। रंगों की कीमत अनमोल है। जिस व्यक्ति के मस्तिष्क में रंगों की छवि उभरती और मिटती नहीं, वह जीवन में कुदरत के रंगों के रूप में दिए गए तोहफे से वंचित है।
रेनू सैनी