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पंजाब सरकार पर खादी ग्रामोद्योग आयोग का 12 करोड़ का बकाया

पंजाब सरकार पर 12 करोड़ रुपए के बकाये का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए खादी ग्रामोद्योग आयोग ने पंजाब में खादी पर लोगों को कम छूट मिल रही...

पंजाब सरकार पर खादी ग्रामोद्योग आयोग का 12 करोड़ का बकाया
Mon, 12 Dec 2011 05:24 PM
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पंजाब सरकार पर 12 करोड़ रुपए के बकाये का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए खादी ग्रामोद्योग आयोग ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार के कारण अन्य राज्यों की अपेक्षा पंजाब में खादी पर लोगों को कम छूट मिल रही है।

खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) उत्तर क्षेत्र के चेयरमैन देश राज गौतम ने कहा कि गांधी जयंती के मौके पर हम हर साल ग्राहकों को 25 फीसदी की छूट देते हैं। इसमें से बीस फीसदी हमें केंद्र सरकार से मिलता है, जबकि पांच फीसदी राज्य सरकार देती है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने 1997 के बाद से अब तक धन आयोग को नहीं भेजा है। यही कारण है कि राज्य सरकार पर हमारा बकाया तकरीबन 12 करोड़ का है।

गौतम ने कहा कि अन्य राज्य हमेशा अपने बकाये का भुगतान समय पर कर देते हैं, लेकिन पंजाब सरकार के साथ ऐसा नहीं है। यही कारण है कि पंजाब में अन्य राज्यों की अपेक्षा खादी पर लोगों को कम छूट मिलता है, क्योंकि हम केवल बीस फीसदी ही छूट यहां दे रहे हैं, जो केंद्र सरकार वापस देती है।

उन्होंने कहा कि सूबे में खादी की 80 दुकान और भंडार हैं। इन दुकानों और भंडारों के माध्यम से हम यह छूट लोगों देते हैं।

दूसरी ओर, केवीआईसी के पंजाब के निदेशक करनैल सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 1997 से बकाये का भुगतान नहीं किया है। पिछले 12 सालों में बकाया बढ़कर 12 करोड़ रुपए हो गया है। इससे पंजाब में खादी के उत्पादन और बिक्री पर बुरा असर पड़ा है।

इसके अलावा राज्य में रोजगार, सृजन और विकास की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाने में दिक्कत आ रही है और काम भी प्रभावित हो रहा है। इस बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक उसका कोई उत्तर नहीं आया है। सरकार को जल्दी ही इसे भुगतान कर देना चाहिए। हालांकि, हमने अब वह छूट कम कर दिया है, जो राज्य सरकार के हिस्से से मिलता था।

इससे पहले गौतम और सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य में 2249.55 लाख का कारोबार किया गया है, जबकि दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया गया है। इसके अलावा साढ़े सात हजार से अधिक कामगारों का जनश्री बीमा योजना के अधीन बीमा करवाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वित्तीय वर्ष में भी दस हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है।

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