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बिजली बोर्ड की गड़बड़ी, सजा आम आदमी को

वरीय संवाददाता, पटना। ‘करे कोई, भरे कोई।’ यह मुहावरा इन दिनों राजधानी के उपभोक्ताओं पर बहुत ही सटीक बैठ रहा है। गड़बड़ी हो रही बिजली बोर्ड व पेसू के स्तर पर इसका खामियाजा भुगत रहे हैं बिजली...

बिजली बोर्ड की गड़बड़ी, सजा आम आदमी को
Wed, 07 Dec 2011 01:06 AM
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वरीय संवाददाता, पटना। ‘करे कोई, भरे कोई।’ यह मुहावरा इन दिनों राजधानी के उपभोक्ताओं पर बहुत ही सटीक बैठ रहा है। गड़बड़ी हो रही बिजली बोर्ड व पेसू के स्तर पर इसका खामियाजा भुगत रहे हैं बिजली उपभोक्ता। शहर के एक बड़े भाग के उपभोक्ताओं को इन दिनों एक साथ तीन से चार महीनों का बिजली बिल थमाया जा रहा है। एक साथ कई महीनों का बिल देखकर उपभोक्ता परेशान हैं।

दरअसल न्यू कैपिटल एरिया के उपभोक्ता इस गड़बड़ी के शिकार हो रहे हैं। वैसे शहर के दूसरे इलाकों में भी इस तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। एक साथ कई महीनों का बिल थमाया जा रहाउपभोक्ताओं के मुताबिक इस बार बिजली बिल काफी देर से मिल रहा है। नवंबर महीने में मिलने वाला बिल उपभोक्ताओं को हाल में मिला है। लगभग एक महीने व कहीं-कहीं उससे भी अधिक दिन बाद बिल थमाए जा रहे हैं।

नागेश्वर कॉलोनी के एक उपभोक्ता को जब गत दिनों एक साथ चार महीने का बिल थमाया गया तो उन्होंने अपना माथा पकड़ लिया। उन्होंने एक महीने के बिल के हिसाब से अपना बजट बना रखा था। उनके घर एक महीने का बिल लगभग 700 से 800 रुपए का आता था। लेकिन इस बार 3400 रुपए का बिल थमा दिया गया है। जब उन्होंने पेसू के अधिकारियों से इस बाबत बात की तो कहा गया बिल तो ठीक है। यह चार महीने का है। इस इलाके में अभी बिलिंग सिस्टम को हाईटेक किया जा रहा है। स्पॉट बिलिंग मशीन से उपभोक्ता के घर पर मौके पर ही बिलिंग की जा रही है ताकि कोई गड़बड़ी नहीं हो। लेकिन इस सिस्टम को लागू करने में देरी हो जा रही है।

इसी वजह से अधिक दिनों का बिल हो जा रहा है। साफ्टवेयर में गड़बड़ी से बढ़ीं मुश्किलेंन्यू कैपिटल सहित शहर के दूसरे इलाकों में बिजली बिल मिलने में देरी की एक प्रमख वजह साफ्टवेयर में गड़बड़ी बतायी जा रही है। साथ ही इस काम में लगाए गए लोगों में अनुभव व प्रशिक्षण का भी अभाव बताया जाता है। साथ ही स्पॉट बिलिंग मशीन की संख्या में भी कमी है। खराब हो गए हैं कई स्पाट बिलिंग मशीन जानकारी के मुताबिक शहर में उपभोक्ताओं की तादाद लगभग 3.10 लाख है।

लेकिन एसबीएम मशीन सिर्फ 165 हैं। दूसरी ओर नौसिखिए कर्मियों द्वारा एबीएम मशीन का ठीक तरीके से इस्तेमाल नहीं किए जाने के कारण कई मशीन खराब हो जा रही है। पिछले कुछ महीनों से ही यह व्यवस्था लागू की गई है। इस वजह से कर्मी भी इस मशीन से ‘यूज टू’ नहीं हो सके हैं। नतीजतन बार-बार ये मशीन खराब हो जाती है। यही वजह है कि उपभोक्ताओं को बिल मिलने में देरी हो रही है।

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