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बाजारीकरण और निजीकरण के कारण महंगी हुई शिक्षा

बरेली, हिन्दुस्तान संवाद । सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था संकल्प की ओर से आयोजित गोष्ठी में शिक्षा के बाजारीकरण पर चिंता जाहिर की गई। इस गोष्ठी का विषय था-वर्तमान समय में शिक्षा की दशा और दिशा। इस...

बाजारीकरण और निजीकरण के कारण महंगी हुई शिक्षा
Wed, 07 Dec 2011 01:05 AM
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बरेली, हिन्दुस्तान संवाद । सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था संकल्प की ओर से आयोजित गोष्ठी में शिक्षा के बाजारीकरण पर चिंता जाहिर की गई। इस गोष्ठी का विषय था-वर्तमान समय में शिक्षा की दशा और दिशा। इस दौरान अध्यक्ष सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में शिक्षा का तेजी से बाजारीकरण और निजीकरण हुआ है। बाजारीकरण के कारण आज शिक्षा मंहगी हुई है और वह आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही है। वर्तमान समाज में अनेक विसंगतियां उत्पन्न हो रही हैं।

उन्होंने मूल्यों पर आधारित शिक्षा पर बल दिया। इस दौरान महामंत्री ख्याली राम वर्मा ने कहा कि शिक्षा हमारे राष्ट्र के विकास की नींव है। शिक्षा के बिना हम विकास की कल्पना भी नहीं कर सकते। वर्तमान में शिक्षा अपने वास्तविक उद्देश्य से भटक गई है, जिससे बच्चों को सही संस्कार नहीं मिल पा रहे है। इसके परिणाम स्वरूप समाज में टकराव और अलगाव की भावना बढ़ रही है, देश के नवयुवक नैतिक मूल्यों को भूल रहे हैं।

इस अवसर पर एसके अरोरा, गुरुविंदर सिंह, आशुतोष शर्मा, एसएन मिश्रा, आरएस राजपूत, डीपी मलिक, मानवेंद्र सिंह, अभिलाष, महेन्द्र, संजीव कुमार, सुधीर कुमार, खेमकरन, राघवेंद्र सिंह, छोटे लाल, शशि सिन्हा, कुसुम राजपूत, चन्द्रा मिश्रा, डा. रश्मि जायसवाल, हर्षपाल आदि मौजूद रहे।

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