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राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम में लाखों का खेल

अहरौरा (मिर्जापुर), हिन्दुस्तान संवाद। राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नाम पर जिले में लाखों रुपये का खेल हुआ है। आशाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया रोगियों की पहचान कर...

राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम में लाखों का खेल
Wed, 07 Dec 2011 12:04 AM
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अहरौरा (मिर्जापुर), हिन्दुस्तान संवाद। राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नाम पर जिले में लाखों रुपये का खेल हुआ है। आशाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया रोगियों की पहचान कर उनकी स्लाइड बनाकर उपचार की व्यवस्था दिलाने वाली यह योजना कागजों में पूरी हो रही है। आशाओं ने किसी भी मरीज की स्लाइड बना कर स्वास्थ्य केन्द्रों को भेजी ही नहीं है। फिर भी इस मद में आए पांच लाख रुपये खर्च हो गए। सीएमओ के पास एक वर्ष में योजना से जुड़ी एक भी रिपोर्ट नहीं आयी है।

जबकि जिला मलेरिया अधिकारी पांच हजार लोगों के चिह्न्ति किए जाने की बात कह रहे हैं। प्रदेश के दस मलेरिया प्रभावित जिलों में पिछले वर्ष से यह योजना लागू की गयी। इसमें मिर्जापुर का भी नाम शामिल है। योजना के शुरूआत में ग्रामीण क्षेत्रों के मलेरिया रोगियों को चिह्न्ति कर उनकी स्लाइड तैयार करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सौंपी गयी। दस वर्ष से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती न होने के कारण जिले मे इनकी संख्या मात्र 97 है।

इसलिए योजना को प्रभावी बनाने के लिए शासन स्तर से आशाओं को लगाया गया। आशाओं को इसके लिए प्रशिक्षित भी किया गया। उन्हें प्रति स्लाइड पर पांच रुपये देय भी निर्धारित है। जांच में मलेरिया की पुष्टि होने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराकर मुफ्त में उपचार की सारी व्यवस्था है। आशाओं की मानें तो उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर मलेरिया की जांच शुरू किया तो मरीजों को विश्वास ही नहीं हुआ। मरीजों ने आशाओं से खून की जांच कराने से मना कर दिया।

आशाओं ने जब एएनएम से वार्ता किया तो उन्होंने उनका सहयोग नहीं किया। इसी का परिणाम रहा कि योजना फाइलों में ही चल रही है।इनसेट मेरे स्तर से योजना का बजट रिलीज किया गया है लेकिन एक भी रिपोर्ट आज तक नहीं पहुंची है। इसलिए योजना की सफलता को लेकर खुद आश्चर्य में हूं कि आखिर हो क्या रहा है। डा.दयाशंकर, सीएमओ मौजूदा वित्तीय वर्ष में जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पांच लाख रुपये भेजा गया था। अभी तक जो रिपोर्ट मिली है उसके हिसाब से लगभग पांच हजार मलेरिया रोगियों को चिह्न्ति किया गया है। अस्पतालों में भर्ती कराकर कितने मरीजों का इलाज हुआ इसकी जानकारी नहीं है। एनसी जायसवाल, जिला मलेरिया अधिकारी

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