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झूठ बोल रहे हैं डीजीपी: नामधारी

रांची, संवाददाता। सांसद इंदर सिंह नामधारी ने अपने ऊपर नक्सली हमले के बाद पहली बार राज्य सरकार और डीजीपी जीएस रथ पर निशाना साधा है। कहा कि डीजीपी सफेद झूठ बोल रहे हैं कि महुआटांड के कॉलेज उद्घाटन का...

झूठ बोल रहे हैं डीजीपी: नामधारी
Wed, 07 Dec 2011 12:03 AM
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रांची, संवाददाता। सांसद इंदर सिंह नामधारी ने अपने ऊपर नक्सली हमले के बाद पहली बार राज्य सरकार और डीजीपी जीएस रथ पर निशाना साधा है। कहा कि डीजीपी सफेद झूठ बोल रहे हैं कि महुआटांड के कॉलेज उद्घाटन का कार्यक्रम दिन के 12 बजे निर्धारित था। इस उदघाटन समारोह के आमंत्रण पत्र में भी एक बजे से कार्यक्रम शुरू होने का उल्लेख है। कहा कि डीजीपी सीक्रेट सर्विस फंड का ब्योरा दें। बताएं कि फंड का क्या उपयोग हो रहा है। उक्त बातें नामधारी ने मंगलवार को होटल ग्रीन एकर्स में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस में कहीं। कहा कि वह जिस चतरा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह तीन जिलों के अंतर्गत आता है। इसमें चतरा, लातेहार और पलामू शीर्ष उग्रवाद प्रभावित जिलों में शामिल है।

बताया कि हमले से पहले ही गारू और लाभर के बीच 250 उग्रवादी जंगल में छिपे थे। उस समय पुलिस तंत्र क्या कर रहा था। कार्यक्रम के बाद महुआडांड पुलिस डालटनगंज जाने के क्रम में बारेसांड तक पहुंचा कर लौट गयी थी। इसके बाद बारेसांड से गारू तक बिना एस्कार्ट पार्टी के जाना पड़ा। गारू पुलिस मुङो सीमा पर एक खटारा 407 के साथ मिली।

बीहड़ जंगल पार करने के बाद गारू पुलिस को देखकर मैं झल्ला कर आगे बढ़ गया। पीछे-पीछे पुलिस भी आयी। गारू छोड़ने के दस मिनट के अंदर ही भयंकर विस्फोट हुआ, जिससे मैं कुछ देर के लिए सुन्न हो गया। इसके बाद वाहन की गति बढ़ाते हुए सीआरपीएफ लाभर स्थित पिकेट को घटना की जानकारी देकर आगे बढ़ गया।

कहा कि सूचना देने के बाद भी सुरक्षा उपलब्ध नहीं करायी गयी। इस वर्ष जनवरी में बनारी से लेकर गारू तक बियाबान जंगल में अकेले जाना पड़ा, जबकि गारू की पुलिस को गुमला की सीमा तक आना चाहिए था। पलामू का पांकी थाना उन्हें कभी सुरक्षा मुहैया नहीं कराता।सांसद इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि की हैसियत से क्षेत्र में लगातार भ्रमण की सूचना मुख्यालय को देना संभव नहीं है। जहां तक मुख्यालय की सक्रियता की बात है, तो उसने पहले लिखे पत्रों का पावती तक नहीं भेजा। अपनी सुरक्षा के बारे में उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक को पत्र लिखा है।

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