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भारत के मैक्ग्रा बनना चाहते हैं यादव

ग्लेन मैक्ग्रा से प्रेरित भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव भी इस आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज की तरह ही लाइन और लेंथ के विशेषज्ञ बनना चाहते...

भारत के मैक्ग्रा बनना चाहते हैं यादव
Sun, 04 Dec 2011 05:14 PM
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ग्लेन मैक्ग्रा से प्रेरित भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव भी इस आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज की तरह ही लाइन और लेंथ के विशेषज्ञ बनना चाहते हैं।

यादव ने वेस्टइंडीज के खिलाफ कल यहां होने वाले तीसरे वनडे की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से कहा कि मैं निजी तौर पर ग्लेन मैक्ग्रा को पसंद करता हूं। मैं अपनी जिंदगी में उनकी तरह गेंदबाजी करने की भरसक कोशिश करूंगा। मैक्ग्रा मेरे नायक हैं और मैं उनसे प्रेरित हूं तथा उनकी तरह गेंदबाजी करना चाहता हूं।

यादव और वरुण आरोन ने कटक में पहले वनडे में आखिरी विकेट के लिए 12 रन की साझेदारी करके भारत को एक विकेट से जीत दिलाई थी। यादव ने उस साझेदारी के बारे में कहा कि हम निचलेक्रम के बल्लेबाज हैं और नौवां विकेट गिरने के बाद हमने सोचा कि अब क्या करना चाहिए। मैं सही शॉट खेलना चाहता था। केवल एक या दो रन ही पर्याप्त थे। आरोन भी यही सोच रहा था।

सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे सीनियर खिलाड़ियों के साथ कुछ दिन पहले आस्ट्रेलियाई दौरे पर रवाना होने की तैयारी कर रहे यादव ने कहा कि इससे उन्हें वहां के विकेटों से तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि भारतीय विकेट वहां की तुलना में भिन्न है। यदि मुझे कुछ अतिरिक्त दिन मिलते हैं तो यह मेरे लिये अच्छा रहेगा। इससे मैं वहां के विकेट को समझ पाऊंगा। यह अच्छा है कि मैं पहले जा रहा हूं।

यादव ने कहा कि उनके निशाने पर कोई खास आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक खिलाड़ी का विकेट महत्वपूर्ण होता है चाहे वह रिकी पोंटिंग का हो या माइकल क्लार्क का, क्योंकि इससे मेरी टीम को फायदा मिलेगा।

इस 24 वर्षीय तेज गेंदबाज ने कहा कि आरोन के साथ गेंदबाजी करने से उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि वरुण के साथ गेंदबाजी करने में मजा आता है। हम दोनों जूनियर स्तर से एक दूसरे को जानते हैं। जब वह विकेट लेता है तो मैं दूसरे छोर से और अच्छी गेंदबाजी करता हूं। वह भी ऐसा करता है।

यादव का भी मानना है कि टेस्ट क्रिकेट ही इस खेल का सर्वश्रेष्ठ प्रारूप है क्योंकि इससे खिलाड़ी की संपूर्ण क्षमता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज को लाइन व लेंथ बनाए रखनी होती है और एक खास क्षेत्र में गेंदबाजी करनी पड़ती है। वनडे में आपको विकेट भी लेने होते हैं और रनों पर भी अंकुश लगाना होता है।

 

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