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आयुष समेत सभी डॉक्टर अब 65 वर्ष में होंगे सेवानिवृत्त

पटना (हि.ब्यू.)। आयुष समेत राज्य के सभी सरकारी डॉक्टर अब 65 वर्ष में सेवानिवृत्त होंगे। मेडिकल कॉलेज के साथ ही आयुर्वेदिक, युनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय के डॉक्टरों की भी सेवानिवृत्ति की...

आयुष समेत सभी डॉक्टर अब 65 वर्ष में होंगे सेवानिवृत्त
Sun, 04 Dec 2011 12:54 AM
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पटना (हि.ब्यू.)। आयुष समेत राज्य के सभी सरकारी डॉक्टर अब 65 वर्ष में सेवानिवृत्त होंगे। मेडिकल कॉलेज के साथ ही आयुर्वेदिक, युनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय के डॉक्टरों की भी सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा बढ़ा दी गयी है। शनिवार को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2011 को मंजूरी मिल गयी है।

इससे नगर निगमों में आईएएस और बिप्रसे के अलावा मैनेजमेन्ट, लॉ और इंजीनियरिंग क्षेत्र के लोगों को भी कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर तैनात किया जा सकेगा। होल्डिंग टैक्स की दर में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा। अगले वर्ष से 30 अप्रैल को हरेक वर्ष जानकी नवमी पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा। मानव संसाधन विकास विभाग का नाम अब फिर से शिक्षा विभाग होगा।

एनडीए-2 सरकार का पहला वर्ष पूरा होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिकित्सा शिक्षा सेवा की तर्ज पर ही स्वास्थ्य सेवा के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा को 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की घोषणा की थी। उस दौरान आयुष सेवा पर चर्चा नहीं हुई।

आखिरकार स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आयुर्वेदिक, युनानी और होम्योपैथिक डॉक्टरों और आयुष से संबंधित मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा में भी बढ़ाेतरी का प्रस्ताव दिया। इसे मंजूर कर लिया गया। 30 अप्रैल को जानकी नवमी पर एनआई एक्ट के तहत छुट्टी रहेगी। बिहार ऐसा करने वाला पहला राज्य है।

कैबिनेट ने वर्ष 2012 के कैलेण्डर को मंजूरी दे दी है। बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में फेरबदल करते हुए कैबिनेट ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधयेक 2011 को मंजूरी दे दी। यह मामला लगभग पांच माह से अटका हुआ था। अब इसे विधानमंडल में पेश किया जायेगा। नगर निकायों का राज्यस्तरीय कैडर बनेगा और उनकी सेवा भी स्थानांतरण के दायरे में लायी जाएगी।

करदाताओं के लिए हरेक वर्ष 30 जून तक संपत्ति कर जमा करा देने का कानूनी प्रावधान किया गया है। फिलहाल एक्जीक्यूटिव आदेश के माध्यम से यह कार्रवाई हो रही थी। अब इसे विधेयक में शामिल कर दिया गया है। संपत्ति कर से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए संपत्ति कर बोर्ड बनाने का भी प्रस्ताव है।

धान की सरकारी खरीद के लिए बिहार राज्य कॉपरेटिव बैंक को 800 करोड़ रुपये कर्ज दिये गए हैं। राशि बिहार आकस्मिकता निधि (बीसीएफ) से दी जायेगी। इसके लिए बीसीएफ का आधार धान की खरीद होने तक 350 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1150 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे पैक्सों द्वारा किसानों को उपज की कीमत का तत्काल भुगतान किया जा सकेगा।

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