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टूल एंड डाई मेकिंग में क्या संभावनाएं हैं?

मैं आईडीटीआर, जमशेदपुर से चार वर्षीय टूल एंड डाई मेकिंग का डिप्लोमा कर रहा हूं। इस क्षेत्र में क्या संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में अच्छा करने के लिए मुझे और कौन-सा एडिशनल कोर्स करना...

टूल एंड डाई मेकिंग में क्या संभावनाएं हैं?
Tue, 25 Oct 2011 12:44 PM
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मैं आईडीटीआर, जमशेदपुर से चार वर्षीय टूल एंड डाई मेकिंग का डिप्लोमा कर रहा हूं। इस क्षेत्र में क्या संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में अच्छा करने के लिए मुझे और कौन-सा एडिशनल कोर्स करना चाहिए?
कुणाल कुमार

टूल एंड डाई मेकर उच्च प्रशिक्षित मैकेनिक होते हैं। ये औजार, डाई और विभिन्न उत्पाद बनाने के काम आने वाली मशीनों के विभिन्न पार्ट्स बनाते हैं। यद्यपि अनेक कारिगर टूल और डाई मेकिंग दोनों ही काम करते हैं, पर ये दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं। टूल मेकर मशीनों के टूल्स बनाने के लिए कटिंग और शेपिंग उपकरणों का निर्माण व उनकी मरम्मत करते हैं। डाई मेकर मैटल फॉर्म्स, जिसे डाई कहते हैं, का निर्माण और उनकी मरम्मत का काम करते हैं। इनका उपयोग मैटल फोजिर्ग और स्टंपिंग में किया जाता है। ये प्लास्टिक, सेरेमिक और अन्य कंपोजिट चीजों के लिए मोल्ड्स का भी निर्माण करते हैं। इस क्षेत्र में नौकरी की संभावनाएं काफी अच्छी हैं, विशेषकर उन उद्योगों में जो मैटलवर्किग मशीनरी, ट्रांसपोर्टेशन के उपकरण जैसे मोटर व्हीकल पार्ट, फैब्रिकेटेड मैटल प्रोडक्ट और प्लास्टिक प्रोडक्ट बनाते हैं।

आजकल टूल एंड डाई मेकर के लिए यह जरूरी है कि उसे डिजाइन और उससे संबंधित टूल्स और ऑब्जेक्ट्स बनाने के लिए कंप्यूटर एडेड डिजाइन (सीएडी) प्रोग्राम और कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (सीएनसी) मशीन की जानकारी हो। इस क्षेत्र में अपनी नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए आप टूल इंजीनियरिंग के लिए सीएडी/सीएएम (कंप्यूटर एडेड मैन्युफैक्चरिंग) में पीजी डिप्लोमा, कंप्यूटर एडेड टूल इंजीनियरिंग के लिए मास्टर सर्टिफिकेट या कंप्यूटर एडेड टूल डिजाइन में सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं।

इन कोर्स को करवाने वाले कुछ संस्थान इस प्रकार हैं-

सीआईटीडी, हैदराबाद
वेबसाइट
www.citdindia.org

सेंट्रल टूल रूम, लुधियाना
वेबसाइट
: www.ctrludhiana.com

सीटीटीसी, भुवनेश्वर
वेबसाइट:
www.cttc.gov.in

आईडीटीआर, जमशेदपुर
वेबसाइट:
www.idtrjamshedpur.com

आईजीटीआर, इंदौर
वेबसाइट:
www.igtr-indore.com

अभी मैं पीसीबी के साथ 11वीं कक्षा में पढ़ रहा हूं। इसके साथ मेरे पास इंग्लिश और हिंदी विषय भी हैं। मेरा लक्ष्य सिविल सर्विस में जाना है। इन विषयों के साथ क्या मैं अपने सपने को साकार कर पाऊंगा? मुझे इसके लिए किस तरह तैयारी करनी चाहिए और ग्रेजुएशन के तौर पर बीएससी में कौन-सा विषय लेना चाहिए? वैसे मेरा बायोलॉजी में काफी रुझान है। कृपया मुझे सलाह दें।
आमिर खान, मऊ, उत्तर प्रदेश

कोई भी छात्र, जिसने ग्रेजुएशन कर रखी है और 50 प्रतिशत अंक हासिल किए हुए हैं, यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में शामिल हो सकता है। आयु 21 वर्ष से अधिक और 30  वर्ष से कम होनी चाहिए। परीक्षा के दो सेट पास करने होंगे-प्रिलिमनिरी एग्जाम और मेन एग्जाम और इसके बाद साक्षात्कार। विषय के तौर पर आपके पास जूलॉजी और बॉटनी का ऑप्शन है। आप इसमें से अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार कोई भी एक चुन सकते हैं।

एक बार जब आप यूपीएसी परीक्षा पास कर लेते हैं तो आपको 32 सिविल सर्विसेज में से किसी एक के लिए चुना जा सकता है। यह आपके रैंक पर निर्भर करता है। आप विषयों की सूची और अन्य जानकारी के लिए यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट www.upsc.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

सिविल सर्विस में चुना जाना काफी मुश्किल है तथा इसमें काफी प्रतियोगिता भी है, इसलिए आपको एक वैकल्पिक ऑप्शन भी तैयार रखना चाहिए। आप ग्रेजुएशन में बायोलॉजी या कोई भी लाइफ साइंस ले सकते हैं। बायोलॉजी में करियर की संभावनाएं काफी हैं। आपको यूनिवर्सिटी और क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन्स (रिसर्च साइंटिस्ट), फार्मास्युटिकल और बायोटेक्नोलॉजी कंपनियों (रिसर्च साइंटिस्ट और क्वालिटी कंट्रोलर), प्राइवेट हॉस्पिटल, हैल्थ और एनवायरमेंटल चैरिटीज, साइंटिफिक एंड टेक्निकल कंसलटेंसीज, स्कूल और कॉलेज (अध्यापक और लेक्चरर), आउटरीच संस्थानों जैसे म्यूजियम, साइंस सेंटर और ब्रॉडकास्ट कंपनियों (साइंस कम्युनिकेटर) आदि और नेचर कंजरवेशन अधिकारी के तौर पर काम मिल सकता है।

अगर अपनी शिक्षा और करियर को लेकर आपके जेहन में भी कोई सवाल है तो लिख भेजें-सलाह, नई दिशाएं, हिन्दुस्तान, 18-20 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नयी दिल्ली-110001 या मेल करें-naidishayen@hindustantimes.com

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