डीआरडीओ की बायो-डाइजेस्टर प्रणाली से लैस होंगी ट्रेनें
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ट्रेनों में मानव मल के निपटारे की समस्या को हल करने के लिए बायो-डाइजेस्टर नामक तकनीक का इस्तेमाल करने वाला...
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ट्रेनों में मानव मल के निपटारे की समस्या को हल करने के लिए बायो-डाइजेस्टर नामक तकनीक का इस्तेमाल करने वाला है। जल्द ही तकरीबन एक हजार ट्रेनों में शुरू हो रही इस प्रणाली के जरिए मानव अपशिष्ट का निपटारा बहुत ही आसानी से हो जाएगा।
गौरतलब है कि सियाचिन और लद्दाख जैसे दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के अपशिष्ट पदार्थ के निपटारे के लिए डीआरडीओ ने इस तकनीक का विकास किया था।
डीआरडीओ के मुख्य नियंत्रक विलियम सेल्वामूर्ति ने कहा कि ट्रेनों में बायो-डाइजेस्टर लगाने की प्रायोगिक परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। रेलवे की जरूरतों के हिसाब से आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं और जल्द ही इस तकनीक का इस्तेमाल व्यापक स्तर पर शुरू हो जाएगा।
गौरतलब है कि रेलवे लाइनों को साफ रखने की खातिर इन बायो-डाइजेस्टरों के निर्माण के लिए रेलवे और डीआरडीओ ने आपस में करार किया है।