भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व की आभा सचमुच व्यापक थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निकोबार द्वीप समूह के एक कबीलाई नेता ने सिर्फ नेहरू के जैकेट (अचकन) के बदले भारत सरकार को अपनी जमीन बेचने पर सहमति जताई थी।
अपनी हालिया किताब ए जर्नी थ्रू निकोबार्स में इतिहासकार डॉक्टर तिलक बेरा कहते हैं कि कार निकोबार द्वीप के कबीलाई परिषद प्रमुख एडवर्ड कुटचट एक हवाई अड्डे के विस्तार के लिए शुरू में अपनी जमीन देने पर अनिच्छुक थे।
हालांकि, जब नेहरू ने एक दावत के लिए एडवर्ड को दिल्ली बुलाया और जमीन के लिए निवेदन किया तो वह मना नहीं कर सके। यह घटना 1950 दशक के आखिरी सालों की है।
दूसरी तरफ, एडवर्ड ने भी अपनी जमीन के बदले में नेहरू से कुछ मांगा और उस समय उनकी नजर में जो सबसे अधिक कीमती चीज थी वह थी नेहरू की जैकेट।