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ग्रीनरी से कर लो प्यार..

जिस घर के आसपास ग्रीनरी होती है या फिर गार्डन, वो तुम्हें ज्यादा पसंद आता होगा। इसी तरह स्कूल में भी पार्क अगर बड़ा हो और हरा-भरा हो तो वहां खेलने का मजा ही बढ़ जाता...

ग्रीनरी से कर लो प्यार..
Mon, 29 Aug 2011 01:22 PM
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जिस घर के आसपास ग्रीनरी होती है या फिर गार्डन, वो तुम्हें ज्यादा पसंद आता होगा। इसी तरह स्कूल में भी पार्क अगर बड़ा हो और हरा-भरा हो तो वहां खेलने का मजा ही बढ़ जाता है। ग्रीन एन्वायरन्मेंट पाना कोई कठिन बात नही है। तुम भी अपने घर में या स्कूल में इस काम में हेल्प कर सकते हो। कैसे करोगे और इसके क्या फायदे हैं, बता रही हैं आरती मिश्र

पेड़ हमें कितना कुछ देते हैं। फल, फूल, ऑक्सीजन, छाया और ग्रीन एन्वायरन्मेंट से खूबसूरती। लेकिन हम पेड़ों को इसके बदले में क्या देते हैं? कभी सोचा है तुमने। उल्टा हम उन्हें अपने स्वार्थ के लिए काट देते हैं, उनके फूल तोड़ लेते हैं, पत्तों को खींचते हैं, उनसे लटकते हैं। ऐसा करने से उनको दर्द होता है, क्योंकि पेड़ों में भी जान होती है। तुम्हारी ही तरह वो भी दिन में जगते हैं और रात में सो जाते हैं।

लेकिन कभी तुमने सोचा है कि आखिर पेड़ों की हमारे जीवन में क्या उपयोगिता होती है और कैसे हम इन्हें लगाकर ग्रीन एन्वायरन्मेंट में हेल्प कर सकते हैं। नहीं सोचा, कोई बात नहीं। आज हम तुम्हें बताते हैं। सबसे पहले बात करते हैं इनके फायदों के बारे में-

हवा से प्रदूषण को फिल्टर करते हैं।
कार्बनडाईऑक्साइड लेते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
पानी को स्वच्छ करते हैं, छाया देते हैं।
जानवरों के लिए घर बन जाते हैं।
खूबसूरत और शांत वातावरण का निर्माण करते हैं।
कई पेड़ों की पत्तियों और जड़ों का प्रयोग आयुर्वेद की दवाओं में होता है।
इनके तनों और लकड़ियों का फर्नीचर आदि में प्रयोग होता है।
इनके फल और फूलों का हम कई तरह से उपयोग करते हैं।
इनके कारण ही वन्यजीवन सुरक्षित है।
स्वच्छ हवा मिलती है।
बारिश के स्नोत हैं।
हवा की दशा और दिशा कंट्रोल करते हैं।
हवा के प्रदूषण जैसे ओजोन, सल्फर डाईऑक्साइड को भी सोखते हैं।

ऐसे लगाओ पौधे

सबसे पहले जगह और पौधा चुनो। ध्यान रखो कि जिस पौधे को तुम चुन रहे हो, वह पेड़ बनकर कितना लंबा होगा। कहीं वो किसी बिल्डिंग या पावर लाइन को न छुए।

अब अपने मम्मी-पापा से बात करो और उनसे परमिशन मांगो। अगर तुम घर के सामने या किसी दूसरे पब्लिक स्पेस में पौधा लगाना चाहते हो तो उस क्षेत्र का रखरखाव करने वाले से बात करो। अब यह देखो कि जहां तुम गड्ढा खोदने जा रहे हो, वहां कोई केबल वायर या इसी तरह की दूसरी वायर तो नहीं है।

अब जिस पौधे का तुमने चुनाव किया है, उसके बारे में जानकारी जुटाओ। हर तरह के पेड़ की अलग जरूरतें होती हैं। अब उसके बीज खरीदो या फिर चाहो तो नन्हा पौधा भी लगा सकते हो। इसके लिए किसी बड़े की हेल्प लो।

कोशिश करो कि पौधे को बारिश के मौसम में लगाओ। इस मौसम में पेड़ की जड़ जल्दी नहीं सूखती। वैसे हर पौधे के लिए कई तरह के मौसम अनुकूल होते हैं।

अब एक बड़ा गड्ढा करो और उसमें पौधे को लगाओ।

जो पौधा तुम खरीदकर लाए हो, अगर वह गमले में है तो उसे आराम से गमले से निकालो। ध्यान रखो कि उसकी जड़ को कोई नुकसान न हो।

पौधे को जड़ सहित गड्ढे में डालो और आराम से मिट्टी से उसे बंद कर दो। इस बात का ध्यान रखना कि गड्ढा पूरी तरह से बंद हो और उसमें हवा जाने का कोई स्पेस न बचे। मिट्टी को समतल कर दो।

अब उसे अच्छी तरह से पानी दो। उसके आसपास मिट्टी या पत्तियों से कुछ साइड बना दो, जिससे पौधे पर पानी टिका रहे।

अब हर रोज पौधे को देखो। वह सूखने न पाए। उसमें नियमित अंतराल पर पानी देते रहो।

तुम पेड़ों को कटने से रोको। जहां भी पेड़ कटते देखो, दोस्तों के साथ वहां पहुंच जाओ और पेड़ काटने वाले को उसके फायदों के बारे में बताओ।
कई पेड़-पौधों का उपयोग आयुर्वेद की दवाओं में होता है। इनमें तुलसी, नीम, पुदीना, बेल, गुलाब, एलोवेरा जैसे कई नाम शामिल हैं।
तुम्हें पता होगा कि जानवर जंगलों में रहते हैं। जब पेड़ नहीं रहेंगे तो जानवर कहां जाएंगे। जंगल खत्म होने से मौसम चक्र भी प्रभावित होता है।

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