अनशन स्थगित, पर लड़ाई जारी रहेगी: अन्ना
अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान में 13वें दिन अपना अनशन तोड़ने के बाद विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना अनशन सिर्फ स्थगित किया है, लेकिन उनकी लड़ाई जारी...
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को रामलीला मैदान में 13वें दिन अपना अनशन तोड़ने के बाद विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना अनशन सिर्फ स्थगित किया है, लेकिन उनकी लड़ाई जारी रहेगी। असली अनशन पूरी लड़ाई जीतने के बाद टूटेगा।
जीत की खुशी ने अन्ना के चेहरे से थकान की रेखाएं मिटा दी थी। अन्ना ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके माध्यम से सामने लाए गए जनता के मुद्दों से संसद इनकार नहीं करेगी। लेकिन यदि संसद ने इनकार कर दिया, तो जन संसद को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि आज यह बात साबित हो गई है कि जन संसद, दिल्ली की संसद से बड़ी है। जन संसद जो चाहेगी, दिल्ली की संसद को उसे मानना होगा।
अन्ना ने कहा, ''हमें बाबा साहेब अम्बेडकर के बनाए संविधान के तहत इस देश में परिवर्तन लाना है। आज यह साबित हो गया है कि परिवर्तन लाया जा सकता है। हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।''
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ''आज सत्ता के केंद्रीकरण के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा है। सारी सत्ता मंत्रालयों में है। हमें सत्ता का विकेंद्रीकरण करना होगा। ग्रामसभाओं को मजबूत करना होगा। तभी सच्चा लोकतंत्र स्थापित होगा।''
अन्ना ने कहा, ''अभी यह शुरुआत है। लम्बी लड़ाई आगे है। किसानों का सवाल है, मजदूरों का सवाल है। पर्यावरण, पानी, तेल जैसे तमाम मुद्दे हैं। गरीब बच्चों की शिक्षा का सवाल है। हमें चुनाव सुधार भी करने हैं। पूरी व्यवस्था बदलनी है। हमारा असली अनशन इस पूरे बदलाव के बाद ही टूटेगा।''
अन्ना ने इतने बड़े आंदोलन को अहिंसक बनाए रखने के लिए सभी लोगों, खासतौर से युवाओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ''आज देश में इतना बड़ा आंदोलन हुआ, लेकिन पूरी तरह अहिंसक। दुनिया के सामने आप सभी ने मिसाल रखी है कि आंदोलन कैसे करना चाहिए। इस आंदोलन की यह सबसे महत्वपूर्ण बात रही है।'' अन्ना ने लोगों को अपने जीवन में कथनी और करनी में समानता लाने को कहा।
इसके पहले उन्होंने आंदोलन को सफल बनाने में देश की जनता, खासतौर से युवाओं, मीडिया, पुलिस और उनकी देख-रेख में लगे चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।
ज्ञात हो कि अन्ना प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर गत 16 अगस्त से अनशन पर थे। पहले ही दिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। बाद में गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। हालांकि उसी दिन शाम को उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन वह अपनी शर्तो पर 19 अगस्त को रामलीला मैदान पहुंचे। संसद ने 27 अगस्त को अन्ना की प्रमुख तीन मांगों पर प्रस्ताव पारित किया। उसके बाद उन्होंने 28 अगस्त को दलित एवं मुस्लिम समुदाय की दो बच्चाियों के हाथों शहद मिश्रित नारियल पानी पीकर अनशन तोड़ा।