फोटो गैलरी

Hindi Newsवनडे में ओपनरों की असफलता से चिंतित है भारत

वनडे में ओपनरों की असफलता से चिंतित है भारत

इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैचों में अच्छा प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्ध भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खिलाड़ियों की चोट के अलावा सलामी जोड़ियों की लगातार असफलता भी चिंता का विषय बनी हुई...

वनडे में ओपनरों की असफलता से चिंतित है भारत
Fri, 26 Aug 2011 02:50 PM
ऐप पर पढ़ें

टेस्ट सीरीज़ में करारी शिकस्त झेलने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैचों में अच्छा प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्ध भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खिलाड़ियों की चोट के अलावा सलामी जोड़ियों की लगातार असफलता भी चिंता का विषय बनी हुई है।

पिछले दो साल में भारत की तरफ से एकदिवसीय मैचों में सलामी जोड़ी अपेक्षित शुरुआत देने में नाकाम रही। इस बीच भारत ने जो 63 वन डे मैच खेले उनमें उसने 17 सलामी जोड़ियां आजमायी लेकिन केवल तीन मैच में ही वे शतकीय साझेदारी निभा पायी। इनमें से दो शतकीय साझेदारियां तो सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की जोड़ी ने निभाई जो देश की दूसरी सबसे सफल सलामी जोड़ी है।

इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज़ में तेंदुलकर मौजूद रहेंगे लेकिन उनके साथ पारी का आगाज कौन करेगा, इसको लेकर असमंजस बना हुआ है। सहवाग फिट नहीं होने के कारण स्वदेश लौट गए जबकि गौतम गंभीर भी चौथे टेस्ट के दौरान सिर में लगी चोट से नहीं उबरे हैं। ससेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच में तेंदुलकर के साथ पार्थिव पटेल ने पारी का आगाज किया और यदि गंभीर नहीं खेल पाते हैं तो एकदिवसीय सीरीज़ में भी उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

पार्थिव पिछले साल से सहवाग और तेंदुलकर की अनुपस्थिति में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने इस बीच गंभीर, शिखर धवन, मनोज तिवारी और रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत की लेकिन किसी भी समय ये जोड़ियां टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाये। पार्थिव और धवन ने जिन चार मैच में पारी का आगाज किया उनमें दोनों ने केवल 78 जोड़े जिसमें सर्वोच्च साझेदारी 29 रन की रही।

गंभीर और पार्थिव ने पिछले साल दो मैच में पारी की शुरुआत की थी जिसमें वे केवल 67 रन जोड़ पाए थे। पार्थिव ने इसके अलावा रोहित शर्मा के साथ भी दो मैचों में पारी की शुरुआत के लिए उतरे लेकिन साझेदारी के रूप में इन दोनों के नाम पर केवल 22 रन दर्ज हैं। तिवारी के साथ एक मैच में उनकी साझेदारी 20 रन तक ही चल पायी थी।

जहां तक तेंदुलकर का सवाल है तो पिछले दो साल में वह पांच जोड़ीदारों के साथ पारी की शुरुआत करने के लिए उतरे। इनमें से सहवाग के साथ उन्होंने 20 मैच में पारी का आगाज किया जिनमें 44.15 की औसत से 883 रन जोड़े तथा दो शतकीय और चार अर्धशतकीय साझेदारियां निभाई।

तेंदुलकर ने इस बीच एक मैच में राहुल द्रविड़ तथा गंभीर, दिनेश कार्तिक और मुरली विजय के साथ दो-दो मैच में पारी शुरुआत की लेकिन इनमें से किसी के साथ भी उनकी जोड़ी नहीं जम पायी। द्रविड़ के साथ उन्होंने अर्धशतकीय साझेदारी निभाई थी और बेहतरीन फॉर्म में चल रहे श्रीमान भरोसेमंद फिर से उनके साथ पारी का आगाज करने उतर सकते हैं।

द्रविड़ और तेंदुलकर वैसे अब तक कुल सात एकदिवसीय मैचों में पारी की शुरुआत कर चुके हैं जिनमें इन दोनों ने 255 रन जोड़े और दो अर्धशतकीय साझेदारियां निभाई। द्रविड़ को दो साल बाद वन डे टीम में शामिल किया गया है और वह इस सीरीज़ के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर चुके हैं।

भारत की वन डे में सबसे सफल जोड़ी तेंदुलकर और सौरव गांगुली की रही है। इन्होंने 136 मैच में 6609 रन जोड़े जिसमें 21 शतकीय साझेदारियां हैं। सहवाग और तेंदुलकर ने 89 मैच में 12 शतकीय साझेदारियों की मदद से 3844 रन जोड़े। टेस्ट टीम की नियमित सलामी जोड़ी गंभीर और सहवाग वन डे में भी 30 मैच में पारी की शुरुआत करके 1537 रन जोड़ चुके हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें