महीने में सिर्फ चार दिन एक्सरसाइज: राकेश बेदी
पिछले तीस साल से छोटे-बड़े पर्दे पर अपनी अदाकारी से सबको लुभा रहे गोल-मटोल अभिनेता राकेश बेदी से जानते हैं उनकी लाइफ स्टाइल के बारे...
पिछले तीस साल से छोटे-बड़े पर्दे पर अपनी अदाकारी से सबको लुभा रहे गोल-मटोल अभिनेता राकेश बेदी से जानते हैं उनकी लाइफ स्टाइल के बारे में
ड्रेसेज में आपकी पसंद क्या है?
घर में रहता हूं तो आमतौर पर ट्रैक पैंट और टी-शर्ट्स ही पहनता हूं। बाहर निकलता हूं तो नब्बे फीसदी मौकों पर तो जींस ही पहनता हूं, बशर्ते कि मुझे किसी पार्टी में न जाना हो।
रंग कौन से पसंद हैं आपको?
हम मर्दों के पास तीन तो रंग होते हैं-ब्लैक, ब्लू और ब्राउन। इनमें से भी ब्राउन को लोग कम ही पहनते हैं। इनके अलावा हमारे पास और कलर ही कहां हैं। कोई व्हाइट पहन ले तो भी लोग नजरें घुमाकर देखने लगते हैं। मेरे भी ज्यादातर कपड़े इन्हीं तीन कलर्स के हैं।
खाने-पीने में आपके क्या-क्या शौक हैं?
मुझे खाने-पीने का अच्छा-खासा शौक है और मैं लगातार नई-नई चीजें ढूंढ़ता और उन्हें ट्राई करता रहता हूं। खासकर स्ट्रीट फूड मेरी कमजोरी है। आप से बात कर रहा हूं तो भी मुंह में पानी आ रहा है। गोलगप्पे अगर मुझे मिल जाएं तो मुझसे रुका नहीं जाता।
खाली समय कैसे बिताते हैं?
खाली समय में मैं घूमता हूं। मेरा मानना है कि इंसान को कुछ समय अपने साथ भी बिताना चाहिए तभी वह अपनी अंदरूनी खुशी को बाहर लाकर उसे महसूस कर पाएगा। इसके अलावा मैं लिखता भी रहता हूं। आजकल एक नया नाटक लिख रहा हूं, कभी कविताएं भी लिख लेता हूं।
पढ़ने का कितना शौक है?
पढ़ता तो मैं बहुत हूं। हर तरह की चीज पढ़ना चाहता हूं, चाहे वह फिक्शन हो, जीवनियां हों या कुछ और। मंटो की कहानियां मैं हर दो-तीन साल बाद दोबारा पढ़ता हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि जो चीजें कालजयी होती हैं, वे हर काल में, उम्र के अलग-अलग दौर में अलग-अलग अर्थ देती हैं। गालिब के शेर जवानी में कुछ और लगते हैं और उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनके मायने कुछ और ही निकलने लगते हैं।
खुद को फिट रखने के लिए क्या करते हैं?
महीने में सिर्फ चार दिन एक्सरसाइज।