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मेमोरी बूस्टर भी है पीपल

भारतीय संस्कृति में पीपल को देववृक्ष कहा जाता है। हर जगह मिल जाने वाले इस पेड़ के ढेर सारे लाभ हैं। बता रहे हैं जाने-माने ज्योतिषी व आयुर्वेद के विशेषज्ञ पवन...

मेमोरी बूस्टर भी है पीपल
Wed, 17 Aug 2011 11:36 AM
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भारतीय संस्कृति में पीपल को देववृक्ष कहा जाता है। हर जगह मिल जाने वाले इस पेड़ के ढेर सारे लाभ हैं। बता रहे हैं जाने-माने ज्योतिषी व आयुर्वेद के विशेषज्ञ पवन सिन्हा

पीपल की छाल चर्म रोगों में अत्यंत लाभकारी होती है। यह खाज-खुजली में भी बेहद लाभकारी है। छाल की राख तथा चूना व घी मिलाकर खरल में अच्छी तरह पीसकर लेप करने से लाभ होता है।

बच्चे के मुंह में छाला पड़ जाए तो पीपल के ताजे पत्ते और छाल को महीन पीसकर उसमें मधु मिलाकर लेप करने से लाभ होता है।

रक्तातिसार में पीपल की कोमल टहनियां धनिए के बीज तथा मिश्री बराबर मात्र में मिलाकर इसके रस का सेवन करने से लाभ होता है।

जलने से हुए फोड़ों में पीपल की छाल का चूर्ण घी में पकाकर फोड़ों पर लगाने से लाभ होता है।

पीपल की ताजा टहनी से प्रतिदिन दांतुन करने से दांत मजबूत होते हैं और मसूढ़ों की सूजन खत्म हो जाती है। मुंह से आने वाली दरुगध भी खत्म हो जाती है।

पोलियो रोग में पीपल के 2-4 ताजे पत्तों को इतने ही लसूढ़े के पत्तों के साथ घोटकर छानकर नमक के साथ नित्य लेने से अति शीघ्र लाभ होता है।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए पीपल के 4-6 ताजा पत्तों को 500 मि.ग्रा. दूध में अच्छी तरह उबालकर इसमें पर्याप्त मात्र में मिश्री मिलाकर सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

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