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प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य बिंदु

आजादी की 64वीं सालगिरह के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राष्ट्र के नाम संबोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार...

प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य बिंदु
Mon, 15 Aug 2011 12:20 PM
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आजादी की 64वीं सालगिरह के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राष्ट्र के नाम संबोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

1. उन लोगों से सावधान रहे हैं, जो देश की प्रगति रोकने के इरादे से गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं।

2. देश की जनता समझदारी और संयम बरते, अन्यथा हमारी सुरक्षा और अखंडता बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

3. निजी और राजनीतिक हितों से ऊपर उठें। यह समय राष्ट्र महत्व के मसलों पर आम सहमति बनाने का है।

4. भ्रष्टाचार देश की प्रगति के रास्ते में बहुत बड़ी अड़चन है।

5. भ्रष्टाचार पर इस तरह से बहस हो कि उससे देश की प्रगति पर सवालिया निशान लगने वाला माहौल पैदा नहीं हो।

6. किसी एक बड़े कदम से ही भ्रष्टाचार को नहीं मिटाया जा सकता, बल्कि इसके लिए हमें कई मोर्चों पर एक साथ काम करना होगा।

7. न्याय व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए बिना भ्रष्टाचार का उन्मूलन नहीं हो सकता।

8. उच्च पदों से भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए सरकार स्वतंत्र और मजबूत लोकपाल चाहती है, लेकिन किसी को भी भूख हड़ताल और अनशन का सहारा नहीं लेना चाहिए।

9. न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में लाने से उसकी स्वतंत्रता प्रभावित होगी।

10. प्रधानमंत्री ने माना कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के लोगों में भ्रष्टाचार है।

11. मनमोहन ने यह भी माना कि देश के संसाधनों के आवंटन में विवेकाधिकार का दुरुपयोग होता है।

12. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए किसी भी सरकार के पास जादू की छड़ी नहीं है।

13. देश के खाद्यान समस्या से निपटने के लिए दूसरी हरित क्रांति की जरूरत है।

14. महंगाई के बारे में मनमोहन से स्वीकार किया कि यह लगातार बढ़ रही है, हालांकि इसका कारण उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मूल्य वृद्धि को बताया।

15. महंगाई की समस्या से निजात पाना अगले कुछ महीनों में सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

16. शिक्षा के सभी स्तरों पर सुधार के लिए सिफारिशें देने के बारे में सरकार एक शिक्षा आयोग का गठन करेगी।

17. प्रधानमंत्री ने महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या तथा पिछड़ी जनगणना के मुकाबले 2011 की जनगणना में लिंगानुपात की खाई और बढ़ जाने पर चिंता जताई।

18. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लंबी बताते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों और जनता को इससे एक साथ मिलकर लड़ने को कहा।

19. नक्सलवाद से निपटने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाएगी।

20. जलवायु परिवर्तन की चुनौती के प्रति आगाह करते हुए आने वाले महीनों में पर्यावरण के आकलन और निगरानी प्राधिकरण की स्थापना का एलान किया।

21. उद्यमियों और व्यसायियों के कामों में बेवजह अड़चन नहीं आनी चाहिए।

22. ऐसी राजनीति से दूर रहना चाहिए, जिससे उद्योग, कारोबार और निवेश से जुड़े लोगों के मन में शक या डर नहीं बैठे।

23. विकास के रास्ते में देश में असमानता नहीं बढ़नी चाहिए।

24. देश समाज के तनाव और विवादों से निपटने में सामूहिक रूप से सक्षम है।

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