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चावल उत्पादन में चंदौली पूर्वाचल में अव्वल

आनन्द सिंह चन्दौली। धान का कटोरा कहा जाने वाला चन्दौली जिला वर्ष 2010-11 में चावल उत्पादन में पूरे पूर्वाचल में प्रथम स्थान पर आया है। यहां 27.56 कुंतल चावल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन हुआ है। प्रदेश...

चावल उत्पादन में चंदौली पूर्वाचल में अव्वल
Tue, 17 May 2011 12:33 AM
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आनन्द सिंह चन्दौली। धान का कटोरा कहा जाने वाला चन्दौली जिला वर्ष 2010-11 में चावल उत्पादन में पूरे पूर्वाचल में प्रथम स्थान पर आया है। यहां 27.56 कुंतल चावल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन हुआ है। प्रदेश में चंदौली तीसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर कन्नौज व दूसरे पर फिरोजाबाद है।

पूर्वाचल में चावल उत्पादन में दूसरे स्थान पर गाजीपुर है।कृषि विभाग ने पूरे प्रदेश में चावल उत्पादन के मूल्यांकन के बाद यह रिपोर्ट जारी की है। इसमें कन्नौज ने 27.90 कुंतल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन किया है। वहीं फिरोजाबाद ने 27.60 कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन किया। सामान्य तौर पर एक कुंतल धान में 70 किलो चावल निकलता है। जिले में एक लाख एक हजार हेक्टेयर के क्षेत्रफल में धान की खेती होती है।

सिंचाई के साधनों में नौगढ़, मूसाखांड, चंद्रप्रभा जहां बड़े बांध हैं। वहीं लतीफशाह और मुजफ्फरपुर बीयर हैं। इनसे निकली नहरों से धान के कटोरे में सिंचाई होती है। इसके अतिरिक्त 223 टय़ूबवेल भी लगे हुए हैं। वहीं 15 पम्प कैनाल भी स्थापित हैं। इन सबके अलावा किसानों ने निजी तौर पर भी सिंचाई के लिए पम्प सेट लगाये हुए हैं। मुख्य रूप से यहां धान की एमटीयू 7029 प्रजाति लगायी जाती है। जिसका अधिकतम उत्पादन एक हेक्टेयर में 60 से 70 कुंतल तक हो जाता है।

वर्ष 2009-10 में चंदौली में 20.02 कुंतल प्रति हेक्टेअर चावल का उत्पादन हुआ था। इससे पूर्व यह उत्पादन 26.71 कुंतल प्रति हेक्टेअर था।किसानों के मेहनत से मिली है उपलब्धि : सिंह चावल उत्पादन में जिले की उपलब्धि पर जिला कृषि अधिकारी आरएन सिंह कहते हैं कि यह किसानों की मेहनत से हासिल हुई है। यहां अधिकांश किसान धान की रोपाई करने के पूर्व खेत में हरी खाद के रूप में ढैंचा का प्रयोग करते हैं।

जैविक खाद के रूप में फसल अवशेष को खेत में ही जोत कर उसे सड़ा देते हैं। इससे उत्पादकता बढ़ जाती है। इसके अलावा पशुपालन भी जिले में ठीक है। इससे निकला गोबर डालकर किसान अपने खेत की उत्पादकता को बनाये रखते हैं। सिंचाई के साधन काफी ठीक हैं। इससे धान के फसल में पानी की भी बहुत समस्या नहीं रहती है। समय-समय पर कृषि गोष्ठियों आदि के माध्यम से खेती की नवीनतम तकनीक की जानकारी दी जाती है जिसे तत्काल यहां किसान अपनाते हैं। इससे उत्पादकता बढ़ी है।

पूर्वाचल में चावल उत्पादन(सभी आकड़े कुंतल प्रति हेक्टेयर में)चन्दौली 27.56गाजीपुर 21.05जौनपुर 20.89 मिर्जापुर 20.69आजमगढ़ 20.51भदोही 20.31 वाराणसी 20.20 बलिया 19.06 मऊ 18.55 सोनभद्र 15.31

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