उपेक्षा पर फूटा वरिष्ठ कांग्रेसियों का गुस्सा वाराणसी कांग्रेस के एक
वाराणसी कार्यालय संवाददाता। शहर का पांच सितारा होटल क्लार्क्स सोमवार को करीब तीन घंटे तक कांग्रेस के अंतर्द्वद्व का अखाड़ा बना रहा। प्रदेश कांग्रेस समिति के 18 व 19 मई को होने वाले अधिवेशन से दो...
वाराणसी कार्यालय संवाददाता। शहर का पांच सितारा होटल क्लार्क्स सोमवार को करीब तीन घंटे तक कांग्रेस के अंतर्द्वद्व का अखाड़ा बना रहा। प्रदेश कांग्रेस समिति के 18 व 19 मई को होने वाले अधिवेशन से दो दिन पहले उन कांग्रेसियों का असंतोष फूट पड़ा, जिन्हें महसूस हुआ कि अधिवेशन के आयोजन से उन्हें दरकिनार कर दिया गया है।
दोपहर करीब 12 बजे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पीसीसी के प्रभारी परवेज हाशमी होटल क्लार्क्स पहुंचे तो करीब 150 कांग्रेसियों ने उन्हें लॉबी में घेर लिया और खुद के साथ अन्याय होने की शिकायत की। कांग्रेसियों का आरोप था कि हमने अपना जीवन पार्टी के लिए समर्पित कर दिया है, लेकिन जब बड़े आयोजन की बात हो रही है तो हमें ही बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
इन लोगों ने हस्ताक्षर युक्त एक ज्ञापन भी दोनों नेताओं को सौंपा। इसमें यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला तो वे सभी आयोजन समिति की विभिन्न इकाइयों से इस्तीफा दे देंगे। इसी दौरान वहां प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी भी पहुंच गईं। बाद में दोनों नेताओं ने कार्यकर्ताओं को 8-10 के समूह में कमरे में मिलने को बुलाया। इनमें गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र व मिर्जापुर से आए कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल थे।
सूत्रों के मुताबिक असंतुष्टों ने रीता बहुगुणा जोशी को आयोजन समिति की सूची दिखाई और इसमें सुधार की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष ने इसे स्वीकार कर लिया। बाद में इस संवाददाता से बातचीत में रीता जोशी ने कहा, आयोजन से संबंधित कोई सूची अभी जारी नहीं की गई है। मैंने जिला व शहर कांग्रेस को सूची तैयार करके देने को कहा था। वह सूची मुझे मिल गई है और इसे अंतिम रूप देने के बाद मंगलवार को जारी कर दिया जायेगा।
परवेज हाशमी ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट कहा कि पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है और अधिवेशन के लिए सब मिलकर काम कर रहे हैं।यह है मेमोरेंड़ावाराणसी। शहर के वरिष्ठ कांग्रेसियों ने रीता बहुगुणा जोशी व परवेज हाशमी को जो ज्ञापन सौंपा है, उसमें कहा गया है कि प्रदेश कांग्रेस के अधिवेशन और श्रीमती सोनिया गांधी की रैली के आयोजन की जिन लोगों के कंधे पर जिम्मेदारियां सौंपी हैं, उनमें अधिकांश ऐसे लोग हैं, जो कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में गए और फिर लौटकर कांग्रेस में आ गए।
अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस में बिता देने वाले उन निष्ठावान कार्यकर्ताओं की भारी उपेक्षा और अवमानना की गई है, जो स्व. इंदिरा गांधी के लिए जेल गए और राजीव गांधी के ऊपर लगे झूठे आरोपों का जमकर प्रतिरोध किया।यदि पार्टी के निष्ठावान सिपाहियों के साथ इसी प्रकार का उपेक्षा और अनादरपूर्ण व्यवहार होता रहा तो हम लोग आज से इस कार्यक्रम के निमित्त बनाई गई सभी समितियों में से रस्म अदायगी के लिए रखे गए अपने नाम वापस लेकर विरोध जताएंगे। परंतु हम आपको यह भी आश्वस्त कर देना चाहेंगे कि एक सच्चे कांग्रेसी कार्यकर्ता होने के नाते अपनी पूरी ताकत के साथ सोनिया गांधी की रैली और अधिवेशन की सफलता में यथा संभव सहयोग करेंगे।
इस रैली व अधिवेशन के लिए बनाई गई समितियों में सम्मिलित निष्ठावान सभी कांग्रेसजन विरोध स्वरूप अपना त्यागपत्र प्रस्तुत कर रहे हैं और इसकी जानकारी समाचार माध्यमों से भी दे दी जाएगी।ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष विजय शंकर पांडेय के अलावा बैजनाथ सिंह, रामसागर उपाध्याय, प्रभुनाथ पांडेय, लक्ष्मी प्रसाद राय, विजय शंकर मेहता आदि नेता शामिल हैं।