हरियाणा में हमने दिया प्ले-फॉर इंडिया का फार्मूला: गोपाल कांडा
हरियाणा के खिलाड़ियों को मिले पदकों से प्रदेश के खेल मंत्री गोपाल कांडा गदगद है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने जो प्रयास किए, वे इतनी जल्दी रंग ले आएंगे, इसकी शायद उनको भी उम्मीद...
हरियाणा के खिलाड़ियों को मिले पदकों से प्रदेश के खेल मंत्री गोपाल कांडा गदगद है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने जो प्रयास किए, वे इतनी जल्दी रंग ले आएंगे, इसकी शायद उनको भी उम्मीद नहीं थी। अब उनका लक्ष्य ओलंपिक है। हरियाणा सरकार की खेल नीति की देश भर में चर्चा है। मौजूदा खेल नीति व भविष्य की नीतियों के बारे में खेल मंत्री से हमारे प्रमुख संवाददाता रामकृष्ण उपाध्याय की विस्तार से बातचीत
कॉमनवेल्थ खेलों में उम्मीद से ज्यादा पदक मिले हैं। ऐसा सरकार ने क्या जादू किया?
हरियाणा में हमने खिलाड़ियों के लिए ऐसी खेल नीति तैयार की, जिसमें तीन बातों को आधार बनाया गया है। खिलाड़ियों को खेल के लिए अच्छा माहौल दिया, अच्छे और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की शुरु से ही पहचान शुरु की और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण उन्हें दिया गया। प्रदेश में प्ले फॉर इंडिया के नाम से आठ से 19 साल तक के बच्चों के लिए स्कीम चलाई गई है। इसके जरिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों की पहचान की जा रही है। गांवों में अच्छे स्टेडियम बनाए गए हैं। पूरे प्रदेश के गांवों में 1250 खेल मैदान तैयार किए गए हैं। इस साल 619 खेल मैदान और बना दिए जाएंगे। अगले आठ सालों में हम पूरे हरियाणा के गांवों इस तरह के खेल मैदान बना लेंगे।
खिलाड़ियों के भविष्य के लिए सरकार ने क्या किया?
हमने कहावत ही बदल दी है। अब हरियाणा में खेलोगे कूदोगे तो बनोगे नवाब। जब तक खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित नहीं होगा, वे खेलों में कैरियर को तलाश नहीं करेंगे। हमने माता पिता की चिंता दूर की है। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ियों को सरकार में अच्छी नौकरियां दी जा रही हैं। कई खिलाड़ियों को डीएसपी बनाया गया है। नौकरियों में उनके लिए तीन प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। मां बाप को लगने लगा है कि यदि वे बच्चों को खेल में आगे करेंगे तो इससे उनका ही कैरियर अच्छा होगा। खिलाड़ियों को सामाजिक सम्मान दिया जा रहा है। जिस गांव का खिलाड़ी पदक जीतता है उसके गांव को आदर्श गांव घोषित कर दिया जाता है। वहां पर अतिरिक्त सुविधाएं दी जाती हैं। यहां तक कि उनके कोच को भी आर्थिक व सामाजिक रूप से सम्मानित किया जाता है। हरियाणा में खेलों में अवार्ड जीतने वालों को हर महीने मानदेय राशि दी जाती है। अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद और भीम पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों को हर महीने पांच महीने रुपये महीने आजीवन दिया जा रहा है।
प्रदेश में खेलों की क्या सुविधाएं दी जा रही है।
पूरे प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल अकादमियां स्थापित की जा रही हैं। भिवानी में बाक्सिंग अकादमी स्थापित की जा रही है। क्रिकेट अकादमी झज्जर में, कबड्डी अकादमी जींद में, हाकी अकादमी शाहबाद में और कुश्ती अकादमी रोहतक में स्थापित की जा रही है। शाहबाद व राई में एस्ट्रो टर्फ लगा दी गई है। रोहतक में 90 एकड़ में आधुनिक स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। हर अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने वालों को शानदार इनाम राशि दी जाती है। ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वालों को दो करोड़ रुपये रजत पर एक करोड़ व कांस्य पदक पर 50 लाख रुपये का इनाम दिया जाता है।
अब भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
हमारी कोशिशों के जो नतीजे आए हैं, उससे हम बहुत उत्साहित है। हमारे मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा खुद खिलाड़ी है और उन्होंने खेलों को हमेशा ही प्राथमिकता दी है। हम अब खेलों पर और ज्यादा ध्यान देंगे। न सिर्फ खेलों पर खर्च होने वाली राशि को बढ़ाया जाएगा बल्कि सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं। हमने जो प्रयास कुछ साल पहले शुरु किए थे उनमें तेजी लाएंगे।
कामनवेल्थ में जिन खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, उनके लिए और क्या किया जा रहा है?
एक नवंबर को हरियाणा दिवस के मौके पर सभी पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का सार्वजनिक सम्मान किया जा रहा है। यह राजनीतिक घटना नहीं है बल्कि पूरे प्रदेश की जनता सम्मान में हिस्सा लेगी। खिलाड़ियों को हमने भरपूर सम्मान दिया है। स्वर्ण पदक विजेता को 15 लाख, रजत जीतने वालों को दस और कांस्य जीतने वालों को पांच लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गई है। इसके अलावा उनके कोच को भी अलग से पुरस्कार राशि दी जा रही है।