ग्रामीणों ने लिया वोट बहिष्कार का निर्णय
कदवा (कटिहार)। एक संवाददाता आजादी के छह दशक बाद भी कदवा प्रखंड के अधिकतर गांवों के लोग चचरी पुल होकर आवागमन करने को विवश हैं। यहां के लोगों का दर्द है कि आजादी के 64 वर्षो में कितनी ही...
कदवा (कटिहार)। एक संवाददाता आजादी के छह दशक बाद भी कदवा प्रखंड के अधिकतर गांवों के लोग चचरी पुल होकर आवागमन करने को विवश हैं। यहां के लोगों का दर्द है कि आजादी के 64 वर्षो में कितनी ही सरकारें बदलीं, कितने ही सांसद और विधायक आये गए।
घोषणाएं हुईं, पर कदवा प्रखंड अंतर्गत सागरथ पंचायत के डूमरकौल, वसंतपुर, ईदगाह टोला की सूरत नहीं बदली। प्रखंड मुख्यालय तक जाने के लिए एक गांव को एक अदद सड़क भी नसीब नहीं हो पाई। चुनावों में बड़े-बड़े नेता वोट मांगने आते हैं, लेकिन मतदान केन्द्र तक मतदाताओं को जाने के लिए भी सड़क नहीं, इस ओर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।
उपेक्षा का आलम यह है कि आवागमन की असुविधा झेल रहे ग्रामीणों ने अंतत: कमला नदी पर बांस का चचरी पुल बनाया। आक्रोशित ग्रामीणों ने इस बार वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।