डाटा ऑपरेटर की मिलीभगत से हुआ करोड़ो का घोटाला
मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाता पुलिस महकमे में हुए करोड़ो रुपये के घोटाले में एसएसपी कार्यालय के एकाउंटेंट सुशील चौधरी ने बैंक से जुड़े कम्प्यूटर डाटा ऑपरेटर इंदू शेखर को सेट किया था। ‘ऑपरेशन’...
मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाता पुलिस महकमे में हुए करोड़ो रुपये के घोटाले में एसएसपी कार्यालय के एकाउंटेंट सुशील चौधरी ने बैंक से जुड़े कम्प्यूटर डाटा ऑपरेटर इंदू शेखर को सेट किया था। ‘ऑपरेशन’ के दूसरे दिन रविवार की सुबह स्पेशल टीम ने डाटा ऑपरेटर को उसकेबालूघाट स्थित आवास पर छापेमारी कर दबोच लिया।
आवास से मुजफ्फरपुर पुलिस, विवि व बीएमपी की वेतन निकासी से संबंधित मूल फाइलें बरामद हुई हैं। इससे विश्वविद्यालय व बीएमपी के वेतन मद की निकासी में भी हेरफेर की आशंका पैदा हो गयी है। 88 लाख कैश के साथ दबोचे गये एकाउंटेंट सुशील चौधरी ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया था कि डाटा ऑपरेटर के सहयोग से वह इतनी बड़ी निकासी अब तक करता आया है।
नगर थाना के सब इंस्पेक्टर राजीव सिंह के नेतृत्व में टीम ने बालूघाट स्थित इंदुशेखर के आवास पर धावा बोलकर उसको अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही मुजफ्फरपुर जिले के सभी पुलिस कर्मियों के सितम्बर माह के वेतन निकासी से संबंधित मूल फाइल बरामद कर ली।
सितम्बर माह में पुलिसकर्मियों के वेतन मद में 3 करोड़ 66 लाख 5 हजार 937 रूपये की निकासी करनी करनी थी। वैसे एजी अथवा एकाउंट के किसी एक्सपर्ट की जांच में ही पूरा मामला पकड़ा जायेगा। प्रारम्भिक जांच में पुलिस अधिकारियों का मानना है कि एक माह में जिला पुलिस के वेतन मद में 3.66 करोड़ की निकासी नहीं हो सकती।
पुलिस के हत्थे चढ़े इंदू शेखर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तीन शाखाओं में डाटा इंट्री का काम कांट्रेक्ट पर लिये हुए था। जिसमें मेन ब्रांच के अलावा विश्वविद्यालय शाखा भी शामिल है। उसके आवास से अलग-अलग नाम से नौ पासबुक,जमीन व पॉलिसी से संबंधित कागजात व दो लाख से ज्यादा के आभूषण जब्त किये गये है। तीन कम्प्यूटर के मॉनिटर व सीपीयू से बड़े राज खुलने की संभावना बनी हुई है।
एकाउंटेंट से पूछताछ के आधार पर बेगूसराय समेत कई जिलों में छापेमारी चल रही है। उधर, बीएमपी 6 के कमांडेंट गोपाल प्रसाद का कहना है कि उनके यहां वेतन निकासी कम्प्यूटराइज है। प्रारम्भिक चरण में गबन की आशंका नहीं लगती। टाउन डीएसपी एसएस ठाकुर ने कहा कि डाटा ऑपरेटर से अभी पूछताछ चल रही है। उसके पास से बरामद कागजात की गहराई से छानबीन की अवश्यकता है। इसके बाद ही पूरा मामला खुलेगा।