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पंचायत चुनाव : नामांकन पत्र स्वीकार करने और अस्वीकार करने

विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालयराज्य निर्वाचन आयुक्त राजेन्द्र भौनवाल ने पंचायत चुनाव में एक प्रत्याशी का तकनीकी आधार पर नामांकन पत्र निरस्त करने के आरोप में प्रतापगढ़ जिले के एक रिटर्निग अफसर को कड़ी...

पंचायत चुनाव : नामांकन पत्र स्वीकार करने और अस्वीकार करने
Fri, 01 Oct 2010 10:15 PM
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विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालयराज्य निर्वाचन आयुक्त राजेन्द्र भौनवाल ने पंचायत चुनाव में एक प्रत्याशी का तकनीकी आधार पर नामांकन पत्र निरस्त करने के आरोप में प्रतापगढ़ जिले के एक रिटर्निग अफसर को कड़ी कार्रवाई करते हुए पद से हटा दिया है। इसके अलावा मैनपुरी जिले में जालसाजी करके मतदाता सूची में नाम बढ़वाने तथा प्रत्याशी का नामांकन सही ठहराए जाने के मामले में जिलाधिकारी की रिपोर्ट खारिज करते हुए आगरा के कमिश्नर से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। आयोग ने मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बहराइच सहित कुछ अन्य जिलों से भी नामांकन पत्रों की जाँच में हुई गड़बडिम्यों के बारे में रिपोर्ट माँगी है।आयोग ने प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव के दौरान नामांकन पत्रों की जाँच में मनमाने तरीके से नामांकन पत्र स्वीकार करने या अस्वीकार करने की कई घटनाओं के बाद अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देने के लिए यह कार्रवाई की है। आयोग के अपर आयुक्त लाल बिहारी पाण्डेय तथा संयुक्त आयुक्त जय प्रकाश सिंह ने बताया कि प्रतापगढ़ जिले के ब्लॉक पट्टी द्वितीय के वार्ड संख्या पाँच में जिला पंचायत सदस्य पद की उम्मीदवार श्रीमती एकता इंसान का नामांकन रिटर्निग अफसर अपर जिलाधिकारी बंश गोपाल मौर्य द्वारा तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया। उम्मीदवार के प्रस्तावक का केवल मतदाता सूची क्रमांक गलत हो गया था। इस प्रकरण की जानकारी होने पर जिलाधिकारी से रिपोर्ट माँगी गई। इसी के बाद अधिकारी को हटाने की कार्रवाई करते हुए उस ब्लॉक में नया रिटर्निग अफसर नियुक्त करने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में अपर जिलाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। मैनपुरी जिले के बारे में आयोग को शिकायत मिली कि जिला पंचायत वार्ड संख्या 13 से उम्मीदवार कुंवर ललित प्रताप सिंह ने पर्चा भरा। वे वार्ड 12 की ग्राम सभा गंगा जुमनी के निवासी हैं। नियमानुसार उनका प्रस्तावक वार्ड13 का ही होना चाहिए था किन्तु उनके सगे भाई अमित प्रताप उनके प्रस्तावक थे। सिंह को जब लगा कि दूसरे वार्ड का प्रस्तावक होने के कारण उनका पर्चा खारिज हो सकता है तो उनके भाई ने वार्ड 13 की मतदाता सूची में अपना नाम बढ़वाने के लिए एक अन्य व्यक्ति अनिल कुमार के चालान पर जालसाजी और ओवरराइटिंग करके अपना नाम लिखवा दिया। उसका नाम बिना किसी जाँच पड़ताल के मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया। रिटर्निग अफसर ने उम्मीदवार का पर्चा वैध कर दिया। शिकायत मिलने पर आयोग ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की तो उन्होंने सब कुछ सही होने की रिपोर्ट भेजी। इससे संतुष्ट न होते हुए आयोग ने कमिश्नर को जाँच सौंपी तो मतदाता सूची में जालसाजी का पता चला। इस बीच, जिलाधिकारी ने लेखपाल को निलम्बित कर दिया है और प्रस्तावक अमित प्रताप के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी गई है। पाण्डेय ने संकेत दिए कि कमिश्नर की रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में कुछ और अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है।ंं

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