विश्व धरोहरों को सोने में ढाला जाएगा
रिव प्रकाश ितवारी चंडीगढ़ कालका-िशमला रेलमार्ग, ताजमहल, चीन की दीवार और स्टेचु ऑफ िलबर्टी जैसे िवश्व धरोहरों को सोने के िसक्के पर उकेरे जाने का काम जल्द ही देश में शुरू किया जाएगा। यूनेस्को की ओर से...
रिव प्रकाश ितवारी चंडीगढ़ कालका-िशमला रेलमार्ग, ताजमहल, चीन की दीवार और स्टेचु ऑफ िलबर्टी जैसे िवश्व धरोहरों को सोने के िसक्के पर उकेरे जाने का काम जल्द ही देश में शुरू किया जाएगा। यूनेस्को की ओर से घोिषत ऐसी कुल 870 धरोहरों को सोने में ढालने का काम भारत को सौंपा गया है। ऐसे में अब िवश्व की ये धरोहरें आपके घर की शोभा भी बढ़ा सकती है। सोने पर अंकित कर इन्हें मेडल का रूप िदया जाएगा। धरोहरों को ढालने की शुरुआत देश के चार धरोहरों से कर दी गई है। इनमें ताजमहल, सांची का स्तूप, हुमायूं तुंब और तांजावोर शािमल है।देश के सभी 27 धरोहरों के साथ सभी धरोहरों को मेडल का रूप देने के िलए यूनेस्को ने भारत सरकार के उपक्रम एमएमटीसी के साथ करार किया है। इस करार के तहत एक ओर वर्ल्ड हेिरटेज साइट की फोटो और दूसरी ओर यूनेस्को का नाम छापा जाएगा। इसे बाजार में िबक्री के िलए उतारा जाएगा। िबक्री के बाद एमएमटीसी करार के तहत यूनेस्को को रॉयल्टी देगी।िवश्व धरोहरों के मेडल देश में ही तैयार हो सकें, इसके िलए एमएमटीसी ने गुडगांव के पास सोना में िस्वस कंपनी के साथ िमलकर िरफाइनरी खोलने की तैयारी कर ली है। 147 करोड़ रुपए की लागत से इसी वर्ष जुलाई में इस िरफाइनरी में काम शुरू कर िदया जाएगा। यहां प्रितवर्ष 360 टन सोने की िरफाइिनंग का काम किया जा सकेगा और उनसे मेडल आिद बनाने का काम होगा। सेमी िरफाइंड सोना ऑस्ट्रेिलया, दिक्षण अफ्रीका और स्वीटजरलैंड जैसे देशों से किया जाएगा।कॉमनवेल्थ के िलए भी बना सकते हैं मेडलिदल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ में िवजेताओं को पदक िदए जाने वाले पदक भी एमएमटीसी की ओर से तैयार किए जा सकते हैं। इस िदशा में दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है। सौदा सस्ते में तय हुआ तो कॉमनवेल्थ के दौरान िवजेताओं के गले में भी देश के बने पदक ही डाले जाएंगे।इनका कहना हैयूनेस्को के साथ हमारा करार हुआ है। हम उनके िलए वर्ल्ड हेिरटेज साइट्स पर मेडेिलयंस बनाएंगे। शुरुआत हो चुकी है। उत्पादन देश में हो, इसकी तैयारी चल रही है।संजीव बत्रा, सीएमडी, एमएमटीसी