गुपचुप किया फोरम का गठन
रामकृष्ण उपाध्याय चंडीगढ़केंद्र शासित प्रदेशों के लिए गठित किए गए ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के नोटिस के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने कंज्यूमर ग्रिविएंसेस र्रिडेसल फोरम (शिकायत निवारण मंच ) का...
रामकृष्ण उपाध्याय चंडीगढ़केंद्र शासित प्रदेशों के लिए गठित किए गए ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के नोटिस के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने कंज्यूमर ग्रिविएंसेस र्रिडेसल फोरम (शिकायत निवारण मंच ) का गठन कर दिया है। हालांकि प्रशासन ने इसका गठन गुपचुप तरीके से किया है। पिछले महीने प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए कमीशन ने पूछा था कि क्यों उसने अभी तक कंज्यूमर ग्रिविएंसेस र्रिडेसल फोरम का गठन नहीं किया है। नोटिस में तुरंत इस तरह के फोरम का गठन करके उन्हें जानकारी देने के आदेश दिए गए थे। आयोग ने कहा है कि यदि फोरम का गठन जल्द नहीं किया गया तो उनके खिलाफ एकतरफा फैसला सुना दिया जाएगा। इसके बाद ही प्रशासन ने तुरत फुरत इसका गठन कर दिया है और इसकी जानकारी कमीशन को दे दी है लेकिन लोगों तक इसके इसके बारे में प्रचार नहीं किया है। हर तरह की शिकायतें सुनेगा फोरम लोग फोरम में बिजली की सेवाओं के संबंधित किसी भी तरह की शिकायतों को कर सकेंगे। फोरम जो भी फैसला करेगा उसे बिजली विभाग मानने के लिए बाध्य होगा। यदि किसी का बिल ज्यादा आ गया है या फिर समय पर उसे कनेक्शन नहीं दिया गया तो वे फोरम में शिकायतें कर सकते हैं। बिजली संबंधित शिकायतों का समय पर निपटारा नहीं होने पर भी लोग फोरम में शिकायत कर सकते हैं। फोरम बिजली अफसरों को जरूरी आदेश पारित कर सकता है और उसे मानने के लिए वे बाध्य होंगे। फोरम को हर साल अपनी रिपोर्ट कमीशन के सामने पेश करनी होगी। उसे हर शिकायत पर की गई सुनवाई का भी विवरण देना होगा। उधर जनता पार्टी के अध्यक्ष अजय जग्गा ने प्रशासन के रवैए की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार लोगों के हित में फैसला करती है लेकिन प्रशासन के अफसर उनके प्रति लापरवाही का रवैया अपनाते हैं। यदि फोरम बना दिया गया तो लोगों को इसकी जानकारी देना चाहिए। नहीं तो इसका क्या फायदा है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ समेत कई केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्र सरकार ने ज्वाइंट रेगुलेटरी कमीशन का गठन किया है।