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Hindi News ‘क्वेश्चन बैंक’ से दूर करेंगे आउट ऑफ सिलेबस का चक्कर

‘क्वेश्चन बैंक’ से दूर करेंगे आउट ऑफ सिलेबस का चक्कर

कार्यालय संवाददाता चंडीगढ़आमतौर पर परीक्षा के दौरान सवालों के आउट ऑफ सिलेबस आने की बात उठती है। इससे निजात पाने के लिए सोमवार को पीयू में आयोजित प्रिंसिपलों की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक...


‘क्वेश्चन बैंक’ से दूर करेंगे आउट ऑफ सिलेबस का चक्कर
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 13 Apr 2010 12:19 AM
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कार्यालय संवाददाता चंडीगढ़आमतौर पर परीक्षा के दौरान सवालों के आउट ऑफ सिलेबस आने की बात उठती है। इससे निजात पाने के लिए सोमवार को पीयू में आयोजित प्रिंसिपलों की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक कॉलेज में विषयों एक्सपर्ट शिक्षक (कम से कम 5 वर्ष के अनुभव वाले) अपने स्तर पर पेपर सेट करें। इसे गोपनीय रखें और एग्जामिनेशन विभाग में जमा करा दें। ऐसे में पीयू का क्वेश्चन बैंक डेवलप होगा और इन्हीं सवालों के बीच से पेपर सेटर पेपर सेट करेगा। शिक्षकों के सीधे इस प्रक्रिया से जुड़ने की दशा में आउट ऑफ सिलेबस का चककर दूर हो जाएगा।डीसीडीसी और परीक्षा की होगी अलग वेबसाइटपीयू अपनी मूल वेबसाइट के साथ ही दो और वेबसाइट शुरू करने जा रही है। कॉलेजों को ध्यान में रखते हुए कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल की एक और परीक्षाओं को केंद्र कर दूसरी वेबसाइट शुरू की जाएगी। इसके साथ ही दोनों विभागों के लिए एसएमएस की सुविधा शुरू की जाएगी। कॉलेजों के प्रिंसिपल अपनी समस्याओं को एसएमएस के माध्यम से इन अधिकारियों के सामने रख सकते हैं। सूचना मिलते ही समस्याओं का निपटारा करने की जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी। पिछले दिनों कुलपति ने अपने लिए भी एसएमएस की सुविधा शुरू करने की बात कही थी।खर्च करो और पैसे पाओ का समझाया गुरकॉलेजों को ग्रांट दिलाने और ग्रांट की खातिर आवेदन करने का गुर समझाते हुए कुलपति ने कहा कि हमने इस बाबत एक रिसोर्स पर्सन की व्यवस्था कर दी है। कॉलेजों को इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज यूजीसी की स्थिति है कि पहले का यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट लाओ, अगले प्रोजेक्ट का पैसे ले जाओ।कॉलेज के लिए यूनिवर्सिटी भरेगी पदकॉलेजों की शिकायत थी कि बार-बार पोस्ट एडवरटाइज करने के बावजूद कोई उपयुक्त कैंडिडेट नहीं मिलता, इस पर कहा गया कि जिन कॉलेजों के साथ ऐसी समस्या बार-बार आ रही है, वे अपनी समस्याएं पीयू प्रशासन के पास रखें। पीयू अपनी ओर से पोस्ट एडवरटाइज करेगी और पद भरेगी।सिमरनजीत के मसले से ली सीखकैंपस का छात्र होने के बावजूद रीजनल सेंटर से चार-चार परीक्षाएं देने वाले पूसू नेता सिमरनजीत सिंह ढिल्लों के मसले से पीयू प्रशासन ने सीख ली है। कुलपति ने कहा कि नियमत: कोई छात्र बदले हुए सेंटर पर एक ही परीक्षा दे सकता है, जबकि सिमरन ने चार-चार परीक्षाएं दी। कुलपति ने कहा कि मामला अकेले सिमरन का नहीं है। बिना नियम के दूसरे सेंटर पर परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या 30 से अधिक है। उन्होंने कहा कि कॉलेज इस तरह की घटनाओं को रोकने में मदद करें। उन्होंने कहा कि अब से सेंटर बदलने की सूचना वेबसाइट पर होगी। कॉलेज इसी आधार पर किसी छात्र को परीक्षा देने की अनुमति दें।हड़ताल खत्म करने की नॉन टीचरों से अपीलबैठक में कॉलेजों के नॉन टीचिंग का मुद्दा भी गूंजा। प्रिंसिपलों के आवेदन पर कुलपति ने कहा कि वे नॉन टीचरों से अपील करते हैं कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए वे हड़ताल, आंदोलन आदि को पीछे छोड़े। वे व्यक्तिगत तौर पर उनका वेतनमान नियमों के अनुसार लागू कराने की खातिर संबंधित अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में सरकार संभवत: इस मुद्दे को लेकर कुछ राहत देने जा रही है।बॉक्सकुलपति के साथ उलङो गुरदीपप्रिंसिपल मीट के शुरुआती दौर में ही कुलपति के साथ प्रिंसिपल गुरदीप शर्मा की जमकर बहस हो गई। कॉलेजों को मोटी फीस लगाने का मसला उठाते हुए गुरदीप शर्मा ने जैसे ही कहा कि यूनिवर्सिटी कॉलेजों को निचोड़ रही है। इस पर कुलपति उखड़ गए और बैठक छोड़कर जाने लगे। कार्यक्रम शुरू होने के 21 मिनट के दौरान ही हुई इस घटना ने समूचे हॉल में सन्नाटा पसर गया। बाहर तक निकल चुके कुलपति को अन्य प्रिंसिपलों ने रोका और बुलाया। इसके बाद फिर आगे की कार्यवाही शुरू हुई।

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