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Hindi News रिजल्ट सुधार के लिए फिर छात्रों का आमरण अनशन मगध विवि

रिजल्ट सुधार के लिए फिर छात्रों का आमरण अनशन मगध विवि

िहन्दुस्तान प्रितिनिधपटना। मगध िवश्विवद्यालय में िरजल्ट सुधार के िलए छात्रों का आंदोलन लगातार जारी है। िविव प्रशासन द्वारा आश्वासनों के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। राजभवन व सरकार...


रिजल्ट सुधार के लिए फिर छात्रों का आमरण अनशन
मगध विवि
Mon, 12 Apr 2010 12:44 AM
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िहन्दुस्तान प्रितिनिधपटना। मगध िवश्विवद्यालय में िरजल्ट सुधार के िलए छात्रों का आंदोलन लगातार जारी है। िविव प्रशासन द्वारा आश्वासनों के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। राजभवन व सरकार द्वारा भी िविव प्रशासन को िरजल्ट में सुधार के िलए आवश्यक िनर्देश जारी किया गया था लेकिन िवश्विवद्यालय द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। छात्र लगातार उत्तर पुिस्तकाओं की दोबारा जांच की मांग कर रहे हैं और िविव प्रशासन इसको लेकर ऊहापोह की िस्थित में है। इस मसले को लेकर एक बार िफर एआईएसएफ के बैनर तले छात्रों ने मगध िविव शाखा कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू करने का िनर्णय िलया है।राजभवन व सरकार के आदेश के नहीं माने जाने के बाद अब छात्रों ने स्नातक प्रथम व िद्वतीय वर्ष के िरजल्ट में गड़बड़ी की सुधार के िलए राष्ट्रपित को त्रिहमाम संदेश भेजा है। िरजल्ट की व्यापक गड़बड़ी को दूर करने के िलए प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय मानवािधकार आयोग के अध्यक्ष, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री, कुलािधपित, मुखमंत्री, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, राज्य मानवािधकार आयोग के अध्यक्ष, िशक्षा मंत्री, कुलपित व पटना के डीएम को भी पत्र की प्रित भेजी गयी है। पत्र में छात्रों ने िलखा है कि दो भूख हड़ताल व आंदोलनों का असर िविव प्रशासन पर नहीं हुआ है। इसिलए छात्र अब तीसरी बार भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं। सोमवार से मगध िविव के शाखा कार्यालय पर उनका आंदोलन शुरू होगा। पांच माह से छात्र अपने िरजल्ट को लेकर परेशान हैं और िविव प्रशासन को इसकी कोई िचंता नहीं है। छात्रों ने इस बार आरपार की लड़ाई का मूड बनाया है। एआईएसएफ के राज्य उपाध्यक्ष िवश्वजीत कुमार वजिंला सिचव सुशील कुमार ने कहा कि िविव प्रशासन की बार-बार वादािखलाफी कर रहा है। उन्हें छात्रों की भावनाओं के साथ िखलवाड़ बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि राजभवन व सरकार के तरफ से अगर कठोर कार्रवाई होती तो यह नौबत नहीं आती।

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