ऊपर बिजली का तार, नीचे विस्फोटक भरा ट्रक नासमझी या लापरवाही?,
वरीय संवाददाता पटना। सचिवालय थाना का बाहरी परिसर। उपर बिजली के कई नंगे तार और नीचे सड़क किनारे विस्फोटक भरा ट्रक। इसे नासमझी कहें या लापरवाही। शनिवार को यह खतरनाक नजारा देखते ही पुलिस के एक्सपर्ट से...
वरीय संवाददाता पटना। सचिवालय थाना का बाहरी परिसर। उपर बिजली के कई नंगे तार और नीचे सड़क किनारे विस्फोटक भरा ट्रक। इसे नासमझी कहें या लापरवाही। शनिवार को यह खतरनाक नजारा देखते ही पुलिस के एक्सपर्ट से लेकर राजस्थान एक्सप्लोसिव एंड केमिकल्स लिमिटेड के अफसर तक चौंक गये। अधिकारियों ने कहा -‘जल्दी हटाईये। यहां ट्रक खोल कर डेटोनेटर निकालना या उसकी जांच करना खतरनाक हो सकता है।’ फिर आनन-फानन में ट्रक को वेटनरी कॉलेज के विशाल भूभाग पर फैले मैदान में ले जाने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री निवास और राजभवन से थोड़ी ही दूरी पर 27 जनवरी की देर रात दो लाख डेटोनेटर लदे ट्रक पकड़े जाने के बाद पुलिस ने उसे पहले वेटनरी कॉलेज के ग्राउंड में ही रखा था। हालांकि अगले दिन सुबह ट्रक को सचिवालय थाना पर बुला लिया गया था। उसके बाद से ही ट्रक बिजली की तार के नीचे खड़ा रहा। अगर बिजली का तार टूट कर ट्रक पर गिर जाता तब ..। अनहोनी को टालना असंभव हो जाता। बगल में विधान मंडल भवन से लेकर कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से किया जा सकता है कि ट्रक का सील तोड़ कर ताला खोलने से पहले वहां मौजूद एक्सप्लोसिव फैक्ट्री के सीनियर मैनेजर ने पुलिस व मीडियाकर्मियों के मोबाइल तक बंद करवा दिये। मोबाइल ऑन रहने से उससे निकलने वाली रेज से भी वहां खतरा हो सकता था। इधर इस बात की भी चर्चा है कि विस्फोटक ढोने वाले विशेष ट्रक के आगे मारूति कार गाइड कर रही थी। बताया जाता है कि कार सवार ट्रक ड्राइवर का दोस्त था जो रास्ता भटकने पर मदद करने आया था। हालांकि इन बातों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।