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नई पीढ़ी को पॉजिटिव व क्रिएटिव बनाएं: नीतीश पं. राम नारायण

कार्यालय संवाददातापटना।नई पीढ़ी को पॉजिटिव व क्रिएटिव बनाने की जरूरत है। इन्हें इसके लिए प्रोत्साहित व प्रेरित किया जाना चाहिए। हम जिस भौतिक युग में जी रहे हैं उसमेंयह बहुत जरूरी है। ये विचार हैं...


नई पीढ़ी को पॉजिटिव व क्रिएटिव बनाएं: नीतीश
पं. राम नारायण
Sun, 11 Apr 2010 01:13 AM
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कार्यालय संवाददातापटना।नई पीढ़ी को पॉजिटिव व क्रिएटिव बनाने की जरूरत है। इन्हें इसके लिए प्रोत्साहित व प्रेरित किया जाना चाहिए। हम जिस भौतिक युग में जी रहे हैं उसमेंयह बहुत जरूरी है। ये विचार हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के। वे रविवार को एएन सिन्हा संस्थान में पं. रामनारायण शास्त्री की जन्म व पुण्य तिथि पर आयोजित समारोह का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर राजेन्द्रनगर रोड नं. 11 स्थित पार्क का नामकरण पं. शास्त्री के नाम करने पर अपनी सहमति जतायी। उन्होंने कहा कि 32 वर्षो से पं. शास्त्री स्मारक न्यास द्वारा समारोह करना व बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित करते रहना सराहनीय है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए विधान परिषद के सभापति पं. ताराकांत झा ने मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राजगीर व वैशाली की यात्राा मुख्यमंत्री के भीतर धधक रही सांस्कृतिक ज्वाला को बाहर लायी है। सीएम का एक नया रूप ही सामने आया है। विकास के प्रति किसी जुनूनी की तरह काम करने की इनकी लगन काबिलेतारीफ है। अब सीएम को बिहार ही नहीं बल्कि देश के लिए आगे बढ़ना होगा। देश के दर्शन, संस्कृति व सभ्यता को पुनस्र्थापित करने में अपना योगदान दें। उन्होंने सलाह दी कि अब आप बड़े भाई की चर्चा मत करें। किसी को कुरेदने की क्या जरूरत है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इमरजेंसी का दौर याद करते हुए कहा कि पं. शास्त्री व डा. एसएन आर्या ने सरकारी सेवा में रहते हुए भी उस वक्त उनकी मदद की थी। वे ओजस्वी वक्ता के साथ ही हिम्मत वाले भी थे। न्यायमूर्ति जस्टिस मृदुला मिश्र ने वह जमाना याद किया जब वे शास्त्री जी की स्मृति में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता के लिए अपने घर की बच्चाियों के लिए लेख तैयार करती थीं। उस जमाने में पहला पुरस्कार पांच सौ रुपए का होता था। बाद में सीएम ने इसकी चर्चा करते हुए कहा कि अस्सी के दशक में पांच सौ रुपए की रकम बहुत होती थी। उस जमाने में पॉकेट में दस रुपए भी होते थे तो अपने को राजा समझते थे। उस समय दस रुपए में ही होटल में खाना, सिनेमा व रिक्शा भाड़ा हो जाता था। इस मौके पर पीएचईडी मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, डा. एसएन आर्या, डा. शत्रुघ्न प्रसाद ने भी अपने विचार रखे। न्यास के अध्यक्ष पं. रंजन सूरिदेव ने स्वागत भाषण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दो बच्चाियों को न्यास की तरफ से ईश्वरी देवी गणितज्ञ सम्मान भी प्रदान किया। सम्मान मिला नीतू कुमारी(जमदाहा) व शिवानी शर्मा (पानापुर ) को । समारोह का संयोजन किया अभिजीत कश्यप ने।ं

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