िहन्दुस्तान प्रितिनिध पटना। चतुर्थ चरण के कॉलेजों में एनआर व आरटू श्रेणी के कॉलेजों पर िशकंजा कसने की तैयारी कर ली गयी है। िवश्विवद्यालयों को जारी किए गए आदेश में मानव संसाधन िवकास िवभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत इन िशक्षकों से काम न कराने का आदेश दोबारा जारी किया है। अक्टूबर में ही िवश्विवद्यालयोंको इन िशक्षकों से काम न लेने का आदेश जारी किया गया था। िवश्विवद्यालयों को स्पष्ट िनर्देश िदया गया था कि एनआर व आरटू श्रेणी के िशक्षक व िशक्षकेतर कर्मचािरयों को काम पर न आने के िलए कह िदया जाए। सरकार के आदेश के बाद कुछ िवश्विवद्यालयों में कॉलेजों को इस प्रकार का आदेश जारी किया गया था लेकिन हटाए जाने वाले कर्मचािरयों के जोरदार आक्रोश के आगे उनकी एक नहीं चली।मानव संसाधन िवकास िवभाग ने एक बार िफर िवश्विवद्यालयों को यह आदेश जारी कर िदया है। िवश्विवद्यालयों से पूछा गया है कि एनआर व आरटू श्रेणी के कर्मचािरयों से काम लेना बंद किया गया है या नहीं। अगर िवश्विवद्यालय ने किसी प्रकार की कार्रवाई की है तो वह क्या है और अगर नहीं की है तो शीघ्र आवश्यक कार्रवाई कर िवभाग को सूिचत करें। सरकार के िनर्देश के बाद एक बार िफर िवश्विवद्यालयों के समक्ष धर्मसंकट की िस्थित उत्पन्न हो गयी है। सरकार के आदेश को िवश्विवद्यालयों द्वारा कॉलेजों में भेजा जाएगा और उनसे अद्यतन िस्थित प्राप्त कर िरपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। सरकार के िनर्देश का कर्मचािरयों ने एक बार िफर जोरदार िवरोध करने का िनर्णय िलया है। सरकार के इस आदेश का प्रभाव मगध िविव, बीआरए िबहार िविव मुजफ्फरपुर, वीर कुवर िसंह िविव आरा, बीएन मंडल िविव मधेपुरा, टीएम भागलपुर िविव के 28 चतुर्थ चरण के कॉलेजों पर पड़ा है। सरकार के इस आदेश से चतुर्थ चरण के कॉलेजों में अग्रवाल कमीशन की िरपोर्ट के बाहर के 656 िशक्षक व 796 िशक्षकेतर कर्मचािरयों की नौकरी की समािप्त का खतरा बढ़ गया है। इसमें से केवल मगध िविव के 119 िशक्षक व 315 िशक्षकेतर कर्मचारी एनआर व आर टू सूची में शािमल हैं। िशक्षक संगठन फुटाब व फुस्टाब का कहना है कि सरकार 25 वर्षो से कार्यरत िशक्षकों को रोड पर लाने की कार्रवाई कर रही है। अब तक उन िशक्षकों को सरकार सही मान रही थी और अब उन्हें गलत ठहराया जा रहा है। इन िशक्षक व कर्मचािरयों की मांगों पर भी सरकार से गंभीरता के साथ िवचार करने का आह्वान किया गया है।ं
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