खर्राटे मतलब कैंसर को दावत
अगर आपका साथी आपके खर्राटे लेने की आदत से परेशान है तो उसकी शिकायत को हल्के में न लें। खर्राटे लेने वाले लोगों में दिल की बीमारियों और कैंसर का खतरा पांच गुना अधिक होता...
अगर आपका साथी आपके खर्राटे लेने की आदत से परेशान है तो उसकी शिकायत को हल्के में न लें। एक नए अध्ययन से पता चला है कि खर्राटे लेने वाले लोगों में न केवल दिल की बीमारियों, बल्कि कैंसर का खतरा भी पांच गुना अधिक होता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक खर्राटे लेने पर शरीर में वायु का प्रवाह बाधित होता है। इससे खून में ऑक्सीजन का स्तर घट जाता है और ट्यूमर बनने की आशंका बढ़ जाती है। ये ट्यूमर आगे चलकर कैंसर का रूप अख्तियार कर सकते हैं। अमेरिका स्थित विसकंसिन और मैडिसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता पिछले 22 साल से खर्राटों व नींद संबंधी अन्य समस्याओं से जूझ रहे 1,500 मरीजों में कैंसर का खतरा आंकने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।
उन्होंने पाया कि स्लीप डिसऑर्डर्ड ब्रीदिंग (एसडीबी) से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों में कैंसर की आशंका 4.8 गुना अधिक होती है। इसी तरह, एसडीबी से मामूली रूप से पीड़ित लोगों में इस जानलेवा बीमारी का खतरा दोगुना ज्यादा पाया गया। शोधकर्ता डॉक्टर जेवियर निएटो की मानें तो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया एसडीबी का सबसे आम रूप है।
बचाव के उपाय
- सोते वक्त ध्यान रखें आपकी गर्दन टेढ़ी न हो
- ऊंचा तकिया न लगाएं
- नेजल स्प्रे
- नोज स्ट्रिप और क्लिप का कर सकते हैं इस्तेमाल
- एक्यूपंचर जैसी पारंपरिक इलाज पद्धति से भी मिल सकती है मदद