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Hindi Newssholay completes 41 years amitabh bachchan remember film special moments

शोले को पूरे हुए 41 साल, BIG B को याद आए फिल्म के खास पल

सिनेमा के इतिहास की सबसे बड़ी ब्लॉक बस्टर फिल्म 'शोले' की रिलीज को सोमवार को पूरे 41 साल हो गए हैं। रमेश सिप्पी के निर्देशन में  बनी यह फिल्म 15 अगस्त 1975 को प्रदर्शित हुई थी। इस अवसर...

शोले को पूरे हुए 41 साल, BIG B को याद आए फिल्म के खास पल
एजेंसीTue, 16 Aug 2016 04:51 PM
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सिनेमा के इतिहास की सबसे बड़ी ब्लॉक बस्टर फिल्म 'शोले' की रिलीज को सोमवार को पूरे 41 साल हो गए हैं। रमेश सिप्पी के निर्देशन में  बनी यह फिल्म 15 अगस्त 1975 को प्रदर्शित हुई थी। इस अवसर पर अमिताभ बच्चन ने शूटिंग के समय के कुछ खास पलों को याद किया। इस फिल्म के संवाद आज भी लोगों की जुबान पर हैं, जिन्हें लेखक सलीम और जावेद अख्तर ने लिखा था। अमिताभ ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि फिल्म शोले को 42 साल पूरे हो गए हैं। 15 अगस्त को हुई थी रिलीज।

जानिए फिल्म से जुड़ी कुछ खास बातें

फिल्म में अमिताभ ने जय का किरदार निभाया था, वहीं धर्मेंद्र को वीरु के किरदार में देखा गया था। इसके अलावा फिल्म में होमा मालिनी, जया बच्चन, संजीव कुमार और अमजद खान भी मुख्य भूमिकाओं में थे। फिल्म में प्यार, दोस्ती और बदले की  कहानी को दर्शाया गया है। इस फिल्म के बाद जय-वीरु की दोस्ती आज भी दोस्ती की मिसाल के तौर पर याद की जाती है। वहीं अमजद खान ने गब्बर सिंह के किरदार से एक अलग पहचान बनाई थी।

फिल्म के कुछ ऐसे भी डायलोग हैं जो आज तक सबकी जुबान पर हैं जैसे-

'कितने आदमी थे', 'तेरा क्या होगा कालिया', 'पहले नमक खाया, ले अब गोली खा', 'कब-कब है होली', 'अरे ओ सांभा' और 'ये हाथ नहीं फांसी का फंदा है गब्बर' या 'ये हाथ हमको दे दे ठाकुर' या फिर 'चल धन्नो आज तेरी बसन्ती की इज्जत का सवाल है'। सलीम-जावेद द्वारा लिखे गए इन डायलोग के बारे में कोई नहीं सोच सकता था कि ये इतने फेमस होंगे।

बता दें की फिल्म को फिल्माने में निर्देशक रमेश सिप्पी को ढाई साल का वक्त लगा था। बंगलौर के पास स्थित रामनगरम में फिल्मायी गई इस फिल्म में इसे 'रामगढ़' बताया गया था। वहां के लोग आज भी इसे रामनगरम के स्थान पर 'रामगढ़' कहते हैं।

 

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