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पिछली सीरीज के महारथी जो नहीं दिखेंगे

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज 22 फरवरी से चेन्नई में शुरू हो रही है। दोनों टीमें एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देने को तैयार...

पिछली सीरीज के महारथी जो नहीं दिखेंगे
Thu, 21 Feb 2013 04:36 PM
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भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज 22 फरवरी से चेन्नई में शुरू हो रही है। दोनों टीमें एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं। दरअसल दोनों देशों की क्रिकेट टीमों की जंग का लंबा इतिहास है। मैदान पर न जाने कितने असाधारण प्रदर्शन इसके गवाह बने। पर खिलाड़ी कितना भी महान क्यों न हो, एक न एक दिन उसे भी जाना ही पड़ता है और जेहन में रह जाती हैं उनकी यादें। नजर डालते हैं भारत-ऑस्ट्रेलिया 2010 सीरीज के उन खिलाड़ियों के आंकड़ों पर, जो इस बार मैदान पर नहीं दिखेंगे।

वीवीएस लक्ष्मण
मोहाली टेस्ट मैच में जब भारत का आठवां विकेट गिरा तब किसी को भी भारत की जीत की उम्मीद नहीं रह गई थी। मगर एक छोर पर खड़े वीवीवीएस लक्ष्मण कुछ और सोच रहे थे। संयोग से इशांत शर्मा के रूप में उन्हें एक साथी मिल गया और दोनों ने नौवें विकेट के लिए 92 रन जोड़कर भारत को एक विकेट से जीत दिला दी। मुश्किल हालात में उनकी बैटिंग क्षमता की कमी भारत को खलेगी।

राहुल द्रविड़
भारत की दीवार के रूप में मशहूर द्रविड़ का योगदान हमेशा सचिन तेंदुलकर की महानता की छाया में छिपा रहा। हालांकि उनकी क्लास और जीवटता को नजरअंदाज करना किसी भी क्रिकेट प्रेमी के लिए नामुकिन ही है। उन विरोधी कप्तानों के लिए भी जिनके खिलाफ द्रविड़ खेले। मोहाली टेस्ट की पहली पारी में द्रविड़ की 77 रनों की नाबाद पारी ने एक विकेट की जीत का आधार तैयार किया।

जहीर खान
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2010 की सीरीज के दौरान बाएं हाथ का यह मीडियम पेसर अपने शबाब पर था। पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के पास उनकी रिवर्स स्विंग का कोई जवाब नहीं था। जहीर ने सीरीज के दो टेस्ट मैचों में 12 विकेट झटके। मगर उनकी चोट ने भारत के गेंदबाजी विभाग में बड़ा झोल पैदा कर दिया है। निश्चित रूप से इस सीरीज में भारत को उनके अनुभव की कमी खलेगी।

रिकी पोंटिंग
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में पोंटिंग के योगदान को सिर्फ उनके द्वारा बनाए गए रन या लपके गए कैचों से नहीं आंका जा सकता। ठीक वैसे ही जैसे यह सीरीज इस महान कप्तान के करियर के साथ इंसाफ नहीं करती। पोंटिंग ने पहले टेस्ट मैच में 77 रन की शानदार पारी खेली। लेकिन यह भारत दौरा एक तरह से उनके शानदार करियर के ताबूत की आखिरी कील साबित हुआ। भारत में कप्तान के रूप में कोई टेस्ट मैच जीते बगैर वापस लौटना पड़ा।

साइमन कैटिच
बाएं हाथ का यह सलामी बल्लेबाज उस समय ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम की रीढ़ था। दाएं हाथ के बल्लेबाज शेन वाटसन के साथ मिलकर उन्होंने टीम को शानदार ओपनिंग संयोजन दिया। हालांकि सीरीज में वह कोई खास कमाल नहीं दिखा सके। उनकी जगह इस बार तूफानी बल्लेबाज डेविड वार्नर को टीम में शामिल किया गया है जो कैटिच की कमी महसूस नहीं होने देंगे।

माइकल हसी
भारत के साथ 2010 की दो टेस्ट मैचों की सीरीज में मध्यक्रम का बाएं हाथ का यह ठोस बल्लेबाज अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सका था। मगर इसमें शायद ही किसी को शक हो कि ऑस्ट्रेलिया की तरफ स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ वह शायद सबसे ठोस और बेहतरीन बल्लेबाज थे। हसी ने हाल ही में टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया है। इस दौरे में ऑस्ट्रेलिया को उनकी कमी खलेगी।

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