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मूर्खों का आखिरी ठिकाना राजनीति होता है: ठाकरे

राजनीतिक पार्टी बनाने के टीम अन्ना के फैसले पर चुटकी लेते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने सोमवार को आश्चर्य जताया कि यह चमत्कार कैसे...

मूर्खों का आखिरी ठिकाना राजनीति होता है: ठाकरे
Mon, 06 Aug 2012 05:28 PM
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राजनीतिक पार्टी बनाने के टीम अन्ना के फैसले पर चुटकी लेते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने सोमवार को आश्चर्य जताया कि यह चमत्कार कैसे हुआ।

पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में 89 वर्षीय ठाकरे ने कहा कि कुछ बुद्धिजीवी कहते हैं कि राजनीति मूर्खों का आखिरी ठिकाना है। टीम अन्ना का यहां स्वागत है, लेकिन यह चमत्कार हुआ कैसे।

ठाकरे ने कहा कि टीम अन्ना के अनशन में भीड़ नहीं आने के बाद वह कुछ उलटपुलट की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती के दौरान मैं जंतर मंतर पर होने वाली गतिविधियों पर करीबी निगाहें रखा हुआ था। मैंने महसूस किया कि टीम अन्ना से भीड़ की दूरी के बाद लोगों को आकर्षित करने के लिए कुछ घोषणायें की जाएंगी।

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