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आत्मविश्वास में छिपा है सफलता का राज

किसी भी छात्र की सबसे बड़ी पूंजी आत्मविश्वास है। कुछ छात्रों को लगता है कि वे सिर्फ मैरिट के आधार पर प्लेसमेंट इंटरव्यू पास कर लेंगे, पर मैरिट के साथ-साथ और चीजें भी अहम भूमिका निभाती...

आत्मविश्वास में छिपा है सफलता का राज
Tue, 01 May 2012 01:00 PM
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मन के जीते ही जीत है, इसलिए जब भी इंटरव्यू के लिए जाएं तो आत्मविश्वास को थामे रखें। पर यह आत्मविश्वास कैसे आएगा, इस बारे में टीआईएमएसआर, मुंबई के असिस्टेंट प्रोफेसर सुशील कुमार पारे से बातचीत के आधार पर बता रही हैं वंदना अग्रवाल

किसी भी छात्र की सबसे बड़ी पूंजी आत्मविश्वास है। कुछ छात्रों को लगता है कि वे सिर्फ मैरिट के आधार पर प्लेसमेंट इंटरव्यू पास कर लेंगे, पर मैरिट के साथ-साथ और चीजें भी अहम भूमिका निभाती हैं। प्लेसमेंट के दौरान इंटरव्यू लेने वाली कंपनियां आपकी ओवरऑल पर्सनेलिटी पर ध्यान देती हैं। वह नोट करती हैं कि छोटे-छोटे सवालों पर आप किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं। सवाल आपको असहज तो नहीं करते और जवाब देते समय आपका आत्मविश्वास तो नहीं गड़बड़ाता।

आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप उसी कंपनी का इंटरव्यू दें, जिसमें आप जाना चाहते हैं। कई बार छात्र उन कंपनियों का इंटरव्यू भी दे देते हैं, जिनमें उनकी रुचि नहीं होती। ऐसे में उनका फोकस गड़बड़ाता है। इंटरव्यू देते समय किसी सवाल के जवाब में न तो ओवर रिएक्ट करें और न ही झूठ बोलें। अगर किसी सवाल का जवाब नहीं आता तो शालीनता से कहें कि इसके बारे में मैंने थोड़ा सुना है, पर मुझे पूरी और सही जानकारी नहीं है। झूठ बोलने पर चयनकर्ता समझ जाएंगे कि आपको जानकारी नहीं है। वे आपसे और कठिन सवाल करेंगे। आप सवालों के घेरे में उलझते जाएंगे और आत्मविश्वास खोने लगेंगे।

सीवी को बढ़ाचढ़ा कर न बनाएं
अपने सीवी को प्रभावशाली बनाने के चक्कर में एक भी गलत जानकारी न दें। सीवी में दी गई जानकारियों से संबंधित सवालों के जवाब तैयार कर लें। इससे जैसे ही चयनकर्ता आपसे उस बारे में सवाल करेंगे, आप एकदम सही जवाब दे पाएंगे। कुछ छात्र सीवी में अपनी रुचियों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करते हैं। ऐसा न करें। हो सकता है कि इंटरव्यू बोर्ड में कोई ऐसा सदस्य हो, जिसकी रुचियां आपके द्वारा लिखी गई रुचियों से मेल खाती हों। आपकी बात की गहराई जानने के लिए वह उस विषय से संबंधित सवालों की झड़ी लगा सकता हैं और ठीक से जवाब न दे पाने के कारण आपका आत्वविश्वास लड़खड़ा सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि इंटरव्यू के जरिए वे सिर्फ आपका पोटेंशियल परखते हैं।

इंटरव्यू के दौरान कई बार बोर्ड के सदस्य ऐसे सवाल भी करते हैं, जिनका आपकी पढ़ाई से कुछ लेना-देना नहीं होता। पर इन सवालों के जरिए वे आपके  माइंड सेट को जानना चाहते हैं। जैसे-एक बार कैम्पस इंटरव्यू के दौरान एक छात्र से बोर्ड ने पूछा कि आपने अपने हाथों में इतने नग-नगीने क्यों पहने हैं? इस सवाल पर छात्र अचकचा गया। वह कोई जवाब नहीं दे पाया। अन्य सवालों का सही जवाब देने के बाद भी उसका चयन नहीं हुआ। दरअसल इस सवाल के जरिए इंटरव्यू बोर्ड जानना चाहता था कि कहीं वह अंधविश्वासी तो नहीं है। ऐसे सवालों के पूछे जाने पर असहज होने की बजाय सही जानकारी दें। अगर आप ईश्वर में आस्था रखते हैं तो उसे स्वीकार करें और अपने आस्थावान होने के संदर्भ में वाजिब तर्क दें। जैसे उपरोक्त छात्र ने बाद में अपनी टीचर को बताया कि पिछले दिनों रोड एक्सीडेंट में उसके बड़े भाई की मृत्यु हो गई थी। उसकी मां को लगता है कि अंगूठियां पहनने से वह स्वस्थ और दीर्घायु होगा, इसलिए उनकी भावनाओं के सम्मान स्वरूप वह इन्हें पहने हुए है। टीचर ने उसे समझाया कि अगर यह जवाब वह पूरे आत्मविश्वास के साथ चयनकर्ताओं को दे देता तो उसका चयन हो सकता था। चुप्पी ने उसके कमजोर आत्मविश्वास और कन्फ्यूजन को दर्शाया।

अपने हर एक्शन, हर बात में आत्मविश्वास से लबरेज दिखें। पर आत्मविश्वास का मतलब यह नहीं है कि किसी भी सवाल के जवाब में आप ओवर रिएक्ट करें या डिप्लोमेसी दिखाएं। हर सवाल ध्यान से सुनें एवं सहज हो कर संतुलित जवाब दें। इसके अलावा जवाब देते समय कुछ शब्दों पर बहुत ज्यादा जोर न दें, न ही हाथ चला-चला कर अपनी बात को प्रभावी बनाने का प्रयास करें। जोर से बोलने एवं हाथ चलाने का मतलब है कि आपके भीतर किसी तरह की नर्वसनेस है और अपनी इस कमजोरी को छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। नर्वसनेस की वजह से ही कई बार छात्र अपनी बारी का इंतजार करते समय पैर हिलाते रहते हैं। ऐसा न करें। पैर हिलाना घबराहट एवं लो सैल्फ एस्टीम दिखाता है।

भाषा वही बोलें, जो अच्छी तरह आती हो
भाषाई दिक्कतें भी आत्मविश्वास डगमगा देती हैं। आमतौर पर चयनकर्ता अंग्रेजी में सवाल करते हैं। अगर आपकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है तो आपका आत्मविश्वास कमजोर पड़ सकता है। ऐसे में हिंदी में ही संतुलित जवाब दें। चयनकर्ता समझ जाएंगे कि आपकी अंग्रेजी खराब है, पर इंडस्ट्री के प्रति समझ में कोई कमी नहीं है।
इन बातों के अलावा आपको इंडस्ट्री एवं प्लेसमेंट के लिए आई कंपनी के बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। कंपनियां अकसर इस बारे में पूछ लेती हैं। दैनिक घटनाक्रम के बारे में भी अपडेट रहें। नॉलेज अपडेट रहने से आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही मन ही मन इस बात को गुनें कि आप ही सबसे अच्छे प्रतिभागी हैं और आपका चयन होगा ही। मन की यह जीत ही सफलता की कुंजी बनती है।

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