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लार्ड पॉल ब्रिटेन के वित्तीय संस्थानों के भ्रष्ट्राचार से चिंतित

प्रवासी उद्योगपति लार्ड स्वराज पॉल ने ब्रिटेन में भ्रष्टाचार की बढ़ती सामाजिक बीमारी के बीच यहां के वित्तीय संस्थानों की स्थिति पर चिंता जाहिर की है जिन्हें कभी ईमानदारी से काम करने के लिहाज से विश्व...

लार्ड पॉल ब्रिटेन के वित्तीय संस्थानों के भ्रष्ट्राचार से चिंतित
Tue, 25 Nov 2014 03:14 PM
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प्रवासी उद्योगपति लार्ड स्वराज पॉल ने ब्रिटेन में भ्रष्टाचार की बढ़ती सामाजिक बीमारी के बीच यहां के वित्तीय संस्थानों की स्थिति पर चिंता जाहिर की है जिन्हें कभी ईमानदारी से काम करने के लिहाज से विश्व की अग्रणी संस्थाएं माना जाता था। कपारो समूह के संस्थापक चेयरमैन पॉल ने कल कहा कि अब इन्हें (ब्रिटेन की वित्तीय संस्थानों को)  छल-कपट के में अव्वल माना जाता है।

वे सब अभी भी अपने भारी-भरकम वेतन और बोनस के लिए शोर मचा रहे हैं। लेकिन वित्तीय दुनिया में से किसी एक भी व्यक्ति ने भी उठ कर उन लाखों लोगों से माफी नहीं मांगी है जो छह साल पहले पैदा बैंकिंग संकट से बुरी तरह प्रभावित हुए। वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में चांसलर के अपने संबोधन में पॉल ने कहा मेरे ख्याल से ब्रिटेन आज जिस सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है वह है भ्रष्टाचार का सामाजिक रोग जो संभवत: पिछले कई दशक से इस देश को जकड़े हुए है।

अब जा कर इसका पर्दाफाश हो रहा है। जब यह पूरा बाहर आएगा- जैसा कि मुझे उम्मीद है, तो मेरा मानना है कि इससे ब्रिटेन के समाज में भूचाल आएगा। पॉल वेस्टमिंस्टर और वूल्वरहैंप्टन विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। उन्होंने कहा आलसी और मैली कुचैली प्रबंधन व्यवस्था ने उन संस्थानों पर बेहद लंबे समय तक बेजा और नुकसानदेह असर डाला जिनसे उम्मीद की जाती है कि वे हमारी रक्षा करेंगे।

ऐसे संस्थान जिनसे उम्मीद की जाती है वे इस बात की ताईद करेंगे कि सबके साथ समान और उचित व्यवहार हो। कई ऐसी मिसालें हैं जिनमें समाज के पहरुए लुटेरे बन जाते हैं या लुटेरों को खुली छूट दे दी। पॉल ने इस बेलाग संबोधन में कहा कि वित्तीय संस्थानों के गोरखधंधे या देश में उच्च स्तरों पर बाल यौन शोषण के धंधे में सक्रिय गिरोहों जैसी गतिविधियों से ब्रिटेन के समाज और सरकार का अध:पतन हुआ है।

पॉल ने बित्तीय क्षेत्र की गड़बडियों पर बैंक आफ इंग्लैंड के गवर्नर के पिछले सप्ताह उस वक्तव्य का उद्धरित किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अब यह तर्क देना उचित नहीं होगा कि समस्या टोकरे के रखे एक दो सड़े सेब की वजह से है,  यहां तो समस्या उन टोकरों की है जिनमें वे रखे गए हैं।

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