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एडमिशन के लिए मिलेगा कम समय

नर्सरी दाखिलों की गाइडलाइंस आने में इस बार देरी हो सकती है। इसकी वजह से अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता...

एडमिशन के लिए मिलेगा कम समय
Thu, 24 Nov 2011 11:28 AM
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गाइडलाइन में हो सकती है देरी, अभिभावकों को करना पड़ सकता है परेशानी का सामना

नर्सरी दाखिलों की गाइडलाइंस आने में इस बार देरी हो सकती है। इसकी वजह से अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अगर दाखिले की गाइडलाइंस देरी से आती है तो अभिभावकों को समय कम मिलेगा।

बाल भारती पब्लिक स्कूल के प्राचार्य एल.वी.सहगल कहते हैं कि गाइडलाइंस को लेकर बहुत अधिक परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। गाइडलाइंस में बहुत अधिक परिवर्तन नहीं होगा। एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के प्रमुख सुमित वोहरा कहते हैं कि गाइडलाइंस में देरी होना लाजिमी है, क्योंकि सरकार ने अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया है।

वहीं आधे-अधूरे क्राइटेरिया के साथ गाइडलाइंस जारी नहीं की जा सकती। ऐसे में अब दाखिले देरी से ही शुरू होंगे। उम्र के बारे में जब तक कुछ फैसला नहीं होता है तब तक गाइडलाइंस जारी नहीं होगी। इससे अभिभावकों को दाखिले के लिए समय कम मिलेगा। स्कूलों को तयशुदा समय में ही दाखिले करने होते हैं ऐसे में अगर दाखिले की गाइडलाइंस देरी से आती है तो अभिभावकों को दाखिले के लिए कम समय मिलेगा। जिस स्थिति में परेशानी का सारा बोझ अभिभावकों पर ही पड़ेगा।

एल्कॉन इंटरनेशन स्कूल के प्राचार्य अशोक पांडेय कहते हैं कि सरकार ने अदालत के आदेशानुसार उम्र के मामले पर अपना जवाब अभी नहीं दिया है। इसलिए अदालत ने सरकार को और समय दिया है। ऐसे में सरकार बाद में ही अधिसूचना जारी करेगी। ऐसे में प्रक्रिया में देरी होना स्वाभाविक है। पर ये देरी अधिक नहीं होगी और अभिभावकों को अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। दिल्ली पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.सी.जैन का कहना है कि दाखिले में होने वाली देरी के लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। स्कूल दाखिले के लिए तैयार है। 

अभिभावक फंसे मंझधार में
नर्सरी दाखिले किस गाइडलाइंस के आधार पर होंगे, इसे लेकर अभिभावकों का असमंजस और बढ़ गया है। अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाता है कि दाखिले के लिए कौन से फैक्टर काम करेंगे। सॉफ्टवेयर कंपनी में बतौर टेक्किनकल लीड काम करने वाले आनंद तनेजा कहते हैं कि मेरी बेटी की उम्र जनवरी के अंत में साढ़े तीन साल की हो जाएगी। पिछले वर्ष की गाइडलाइंस के आधार पर इस वर्ष मेरी बेटी दाखिले के लिए योग्य थी। मैंने इस बार दाखिले की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितनी उम्र के बच्चों का दाखिला नर्सरी में होगा।

पिछले साल की गाइडलाइन
पिछले वर्ष स्कूलों ने दाखिलों के लिए मुख्यत: चार मानक बनाए थे। इनमें सिंगल पेरेंट्स, ट्रांसफर, सिबलिंग, एलमुनी जैसे प्वाइंट्स को आधार बनाया गया था। गाइडलाइंस में स्कूलों को इस बात की छूट दी गई थी कि वह अपने अनुरूप किसी भी मानक की प्राथमिकता को तय कर सकते हैं। ज्ञात हो कि नर्सरी दाखिलों में उम्र को लेकर उच्च न्यायलय ने सरकार से जबाव-तलब किया है।

25 प्रतिशत सीटें ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए आरक्षित थीं
02 हजार के करीब स्कूल राजधानी दिल्ली में
20 प्रतिशत सीटें मैनेजमेंट कोटे के लिए आरक्षित की गई थी

नर्सरी में दाखिले के लिए ब्रिटेन और स्कॉटलैंड तीन वर्ष, अमेरिका में चार वर्ष है

क्या कहता है कानून
कुछ साल पहले दाखिलों के दौरान ऐसी उलझन की स्थिति नहीं रहती थी। गाइडलाइंस बनाना जब स्कूलों के अधिकार में था तो न तो दाखिले में देरी होती थी और न ही किसी तरह का असमंजस रहता था। जिस तरह की स्थिति बनी है ऐसे में अभिभावकों का परेशान होना लाजिमी है। 
-आर.सी. दिल्ली पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रमुख

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