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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय: रोजगार के साथ-साथ स्कूली शिक्षा भी

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य अनौपचारिक पद्घति से स्कूली शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना और रोजगार करते हुए शिक्षा प्राप्त करने के विकल्प देश की आबादी को उपलब्ध करवाना...

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय: रोजगार के साथ-साथ स्कूली शिक्षा भी
Tue, 11 Dec 2012 01:22 PM
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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के विभिन्न कोर्सेज और प्रवेश प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें।
सद्दाम अहमद, हमीरपुर

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य अनौपचारिक पद्घति से स्कूली शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना और रोजगार करते हुए शिक्षा प्राप्त करने के विकल्प देश की आबादी को उपलब्ध करवाना था। बिना किसी पूर्व शैक्षिक प्रमाणपत्र के सीधे आयु के अनुसार विभिन्न कक्षाओं में दाखिले देने का प्रावधान भी इसी उद्देश्य से इसमें रखा गया, ताकि मजबूरीवश स्कूल से ड्रॉपआउट होने वाले छात्रों को दोबारा पढ़ाई का मौका मिल सके। इसमें सामान्य सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी स्तर की स्कूली शिक्षा के अतिरिक्त कई तरह के हुनर आधारित वोकेशनल कोर्सेज को भी शामिल किया गया है। वोकेशनल कोर्सेज में कारपेंटरी, सोलर एनर्जी टेक्नीशियन, बायो गैस टेक्नीशियन, बेकरी एंड कन्फेक्शनरी, हिंदी एवं अंग्रेजी टाइपिंग, वेल्डिंग टेक्नोलॉजी आदि कोर्सेज सेकंडरी स्तर पर उपलब्ध हैं, जबकि सीनियर सेकंडरी स्तर पर हिंदी-अंग्रेजी टाइपिंग, हिंदी-अंग्रेजी स्टेनोग्राफी, सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस, वर्ड प्रोसेसिंग, स्टेनोग्राफी (उर्दू), टाईपिंग (उर्दू), वॉटर मैनेजमेंट फॉर क्रॉप्स, प्लांट प्रोटेक्शन, मशरूम प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी, फर्नीचर एंड कैबिनेट मेकिंग, इलेक्ट्रोप्लेटिंग, हाउस कीपिंग, कैटरिंग मैनेजमेंट, फूड प्रोसेसिंग, प्ले सेंटर मैनेजमेंट, पोल्ट्री मैनेजमेंट, होटल फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट, सॉयल एंड फर्टिलाइजर मैनेजमेंट, प्रिजर्वेशन ऑफ फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स आदि वोकेशनल कोर्सेज भी उपलब्ध हैं। संस्थान में ऑनलाइन  एडमिशन के लिए वेबसाइट  www.nios.ac.in देख सकते हैं।

दसवीं का छात्र हूं और फिल्मों के लिए कहानियां लिखने का शौक है। अब तक कई कहानियां लिख चुका हूं और चाहता हूं कि इन पर फिल्में बनें। कृपया बताएं मुझे कैसे आगे बढ़ना चाहिए?
सूरज कुमार, बिहार

हमारी सलाह यह है कि पहले आप अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें और स्कूल से कॉलेज तक की यात्रा सफलतापूर्वक अच्छे अंकों सहित तय करने पर समय लगाएं। हां, इस दौरान अपनी कहानियों को आप नामी फिल्म प्रोडय़ूसर्स और निर्देशकों को भेज कर उनके विचार जान सकते हैं। टेलीविजन सीरियल निर्माता कंपनियों और चैनल्स के उच्च अधिकारियों से मिल कर कहानी के बारे में बात कर सकते हैं। हो सकता है कि किसी को कहानी पसंद आ जाए और उस पर सीरियल बनाने के बारे में सोचे। लेकिन यह भी आप मान कर चलें कि शुरुआत में आपको कोई गंभीरता से नहीं लेगा और आपके मन में हताशा भी घर कर सकती है। ऐसे में आपको अपना धीरज और संयम बनाए रखते हुए बेहतर कहानियां लिखने के संकल्प को और मजबूत करते रहना होगा। शुरुआती असफलताओं से न घबराएं। फिल्म निर्माताओं और ऐसी कंपनियों के पते तथा ई मेल संपर्क सूत्र आपको इंटरनेट की मदद से मिलने में दिक्कत नहीं होगी।

हाल ही में डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से एमबीए कोर्स में एडमिशन लिया है और आगे बैंकिंग मैनेजमेंट के अलावा इसी क्षेत्र में रिसर्च भी करना चाहती हूं। कृपया बताएं एमबीए के बाद क्या करना चाहिए और मेरे लिए किस तरह की संभावनाएं हो सकती हैं?
रितिका, बिहार

 
आपके लिए आगे चल कर दो तरह के करियर ऑप्शंस हो सकते हैं। पहला तो यही है कि आप किसी कंपनी या बैंकिंग क्षेत्र में मैनेजमेंट कैडर में शामिल होकर आगे बढें। दूसरा ऑप्शन है कि आप मैनेजमेंट की किसी विधा में पीएचडी कर रिसर्च और टीचिंग को करियर बनाएं। इस पूरी प्रक्रिया में आगे काफी वक्त लग सकता है, इसलिए सोच-समझ कर ही भावी रणनीति बनाएं। हां, इस समय आप अपना फोकस पूरी तरह से एमबीए की डिग्री बेहतरीन अंकों सहित पास करने पर रखें। यह भी ख्याल रहे कि डिस्टेंस एजुकेशन से संचालित होने के बावजूद इस कोर्स का सिलेबस किसी भी सूरत में रेगुलर एमबीए से कम नहीं होगा।

एरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहती हूं। क्या इंजीनियरिंग की विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के अलावा भी कोई अन्य रास्ता है इस कोर्स में एडमिशन पाने के लिए?
शिखा महाजन

एरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (13 बी इंद्रप्रस्थ एस्टेट, दिल्ली) द्वारा भी समकक्ष क्वालिफिकेशन हासिल कर इस क्षेत्र में करियर निर्माण किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट www.aerosocietyindia.in से भी सूचनाएं हासिल कर सकते हैं। एडमिशन के लिए फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स विषयों में कम से कम 50 प्रतिशत अंक 10+2 स्तर पर होने चाहिए। सम्पूर्ण कोर्स के दौरान लगभग 20 पेपर पास करने पड़ते हैं। इस प्रमाणपत्र के आधार पर गेट एग्जाम में भी शामिल होने की इजाजत मिल जाती है। यही नहीं, सरकारी स्तर पर भी इसे कई तरह की नौकरियों में बीई डिग्री के समकक्ष माना जाता है।

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